अलवर में पुलिस छापे के दौरान नवजात की मौत से मचा हड़कंप
राजस्थान के अलवर जिले के रघुनाथगढ़ गांव में 2 मार्च 2025 को एक दर्दनाक घटना घटी, जिसमें पुलिस छापेमारी के दौरान एक 25 दिन के नवजात की मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में आक्रोश फैल गया और ग्रामीण लगातार धरने पर बैठे हुए हैं।

परिवार का आरोप और घटना की मुख्य वजह
परिवार के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने छापेमारी के दौरान घर में घुसते समय नवजात को कुचल दिया। यह छापेमारी साइबर क्राइम के खिलाफ चल रहे एक बड़े अभियान के अंतर्गत की जा रही थी। पुलिस ने 26 वर्षीय रज़ीदा और 27 वर्षीय इमरान मेव के घर में जबरदस्ती घुसकर इमरान को घर से बाहर खींच लिया और इसी दौरान यह दर्दनाक घटना हुई।
ग्रामीणों का विरोध और मांगें
इस घटना के बाद से रघुनाथगढ़ गांव के लोग लगातार धरने पर बैठे हुए हैं और पुलिस थाने के अधिकारियों के निलंबन के साथ-साथ दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मौलाना ताहिर ने बताया कि ग्रामीण न्याय की मांग कर रहे हैं और जब तक दोषियों को सज़ा नहीं मिलती, तब तक यह धरना जारी रहेगा।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जाँच की स्थिति
फिलहाल पुलिस ने इस घटना पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। हालांकि, मामले की जांच की बात कही जा रही है लेकिन ग्रामीण इस पर संतुष्ट नहीं हैं। लोगों का मानना है कि पुलिस की लापरवाही के कारण एक मासूम की जान चली गई है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सख्त सज़ा दी जानी चाहिए।
समाज में आक्रोश और न्याय की मांग
यह घटना न केवल रघुनाथगढ़ गांव बल्कि पूरे क्षेत्र में आक्रोश का कारण बन गई है। लोगों की मांग है कि पुलिस प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए तुरंत कार्यवाही करे।
इस प्रकार की घटनाएं समाज में न्याय व्यवस्था और सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े करती हैं। जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलता, ग्रामीणों का यह विरोध जारी रहेगा। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि सत्ता का दुरुपयोग किस हद तक आम नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
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