रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने 30 दिनों के युद्धविराम के लिए सहमति जता दी है। यह निर्णय मंगलवार को अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच आठ घंटे तक चली बैठक के बाद लिया गया। अब इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए रूस की सहमति का इंतजार है।
कैसे बना युद्धविराम का प्रस्ताव?
अमेरिका लंबे समय से रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में अमेरिका ने 30 दिनों के युद्धविराम का प्रस्ताव रखा, जिसे यूक्रेन ने स्वीकार कर लिया। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इसकी पुष्टि भी कर दी है।
अब यह देखना होगा कि रूस इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है या नहीं। अगर रूस भी इस पर सहमत होता है, तो दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी युद्ध को एक महीने के लिए रोका जा सकता है।
रूस का रुख क्या होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि रूस इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देगा।
रूस कई बार कह चुका है कि यूक्रेन को बिना शर्त आत्मसमर्पण करना चाहिए।
वहीं, यूक्रेन अपनी संप्रभुता से समझौता करने के लिए तैयार नहीं है।
रूस की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पुतिन इस अस्थायी युद्धविराम को स्वीकार करेंगे।
युद्ध के असर और अमेरिका की भूमिका
रूस-यूक्रेन युद्ध पिछले दो साल से जारी है और इसने दुनिया की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला है।
इस युद्ध के कारण तेल और गैस की कीमतों में उछाल आया।
अमेरिका और यूरोप ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए, जिससे वैश्विक बाजार प्रभावित हुआ।
हजारों लोग मारे जा चुके हैं और यूक्रेन का बुनियादी ढांचा बुरी तरह तबाह हो चुका है।
अब अमेरिका की कोशिश है कि कम से कम अस्थायी युद्धविराम लागू किया जाए, ताकि आगे शांति वार्ता के लिए रास्ता खुल सके।
क्या 30 दिन के युद्धविराम से स्थायी शांति संभव है?
हालांकि 30 दिन का युद्धविराम स्थायी समाधान नहीं है, लेकिन इससे कूटनीतिक वार्ता का एक नया अवसर मिल सकता है।
अगर रूस इस प्रस्ताव को मान लेता है, तो दोनों देशों के बीच शांति वार्ता को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा।
लेकिन अगर रूस इसे ठुकरा देता है, तो युद्ध और भयानक रूप ले सकता है।
अब पूरी दुनिया इस बात का इंतजार कर रही है कि रूस इस प्रस्ताव पर क्या फैसला लेता है। अगर युद्धविराम लागू होता है, तो यह लाखों लोगों के लिए राहत की खबर होगी।





