बारिश को देखते हुए नंदप्रयाग चमोली राष्ट्रीय राजमार्ग को किया डायवर्ट
रिपोर्ट: अल्मोड़ा: ललित बिष्ट, चमोली: संदीप कुमार, पौड़ी: मुकेश बछेती
उत्तराखंड में गुरुवार से लगातार हो रही वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-07 के स्थान नन्दप्रयाग के निकट भूस्खलन क्षेत्र में लगातार पत्थर एंव मलबा गिर रहा है जिस कारण उक्त स्थान पर वाहनों के आवागमन में दिक्केटें हो रही है।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि वर्तमान में जनपद अन्तर्गत निरन्तर हो रही वर्षा एंव मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून के द्वारा जारी पूर्वानुमान के दृष्टिगत आमजनमानस की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुये नंदप्रयाग भू स्खलन जोन से वाहनों का आवागमन 28 फ़रवरी से 01 मार्च की सांय 5.00 बजे तक तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्धित किया जाता है।
इस अवधि में वाहनों का आवागमन नन्दप्रयाग-कोठियासैंण-चमोली – गोपेश्वर मोटर मार्ग से किया जाएगा। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को आदेश का कडाई से पालन करने के निर्देश दिए।

अल्मोड़ा में पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश
उत्तखण्ड मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान एक बार फिर से सटीक साबित हुआ है।अल्मोड़ा जिले के सभी क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे से लगातार हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। अल्मोड़ा जिले के सभी क्षेत्रों में अधिकतम 48 मिलीमीटर और न्यूनतम 38 मिलीमीटर बारिश देखने को मिली है। अल्मोड़ा के कोसी बैराज में जलस्तर 1126. 5 मीटर रहा , जिसमें 90.50 मीटर पानी छोड़ा गया है, वही रामगंगा का जलस्तर 921.85मीटर देखने को मिला।जनपद की सभी सड़के और विद्युत व्यवस्था फिलहाल सुचारू है। कहीं कहीं सड़कों में जलभराव और हल्के भूस्खलन देखने को मिल रहा है। बारिश के कारण मौसम में फिर से बदलाव देखने को मिल रहा है।जिससे एक बार फिर कंपकपाने वाली ठंड शुरू हो गई है ।वही वर्षा काफ़ी लम्बे अंतराल के बाद होने से किसानों काश्तकारों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली है।

पौड़ी में लगातार 48 घंटे से हो रही बारिश से जहां जनजीवन असव्यस्त हो गया है तो वही इस बारिश ने वन विभाग के चेहरों में खुशी ला दी है। फायर सीजन के दौरान हुई इस बारिश ने जहां जंगलों में नमी लौटई है तो दूसरी ओर जल स्रोत को भी रिचार्ज किया है जिससे आने वाले समय में पानी की किल्लत दूर हो पागेगी वही 48 घंटे से हो रही बारिश से तापमान में भी भारी गिरावट देखने को मिल रही है फसलों के लिए भी यह बारिश अहम मानी जा रही है ठंड के चलते एक बार फिर से लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ रहा हैं। वहीं किसानों की माने तो यह बारिश दिसंबर और जनवरी के माह में होती थी लेकिन इस बार बारिश न होने के कारण फसलों को भारी नुकसान हो सकता था लेकिन इस बारिश से किसानों के चेहरों पर फिर से रौनक लौटीई है । यह बारिश का होना पहाड़ी जनपद के लिए काफी अहम माना जा रहा है।