केंद्र सरकार ने देश के 10 बड़े शहरों से भिक्षावृत्ति जैसी बुराई को खत्म करने का पायलट प्रोजेक्ट बनाया है। इस प्रोजेक्ट में देश के कौन-कौन से शहर शामिल हैं। इस अभियान में प्रशासन को कौन-कौनसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, देश में भिक्षावृति रोकथाम का कानून क्या है, क्या ये कानून पर्याप्त है। क्या भिक्षावृति रोकने के लिए एक नए कानून की जरूरत है। क्या ये अभियान सफल हो पाएगा? ऐसे तमाम सवाल हैं। स्वच्छता में देश में नंबर वन इंदौर अब भिक्षावृत्ति मुक्त शहर में भी नंबर वन बनने जा रहा है। इंदौर प्रशासन ने पहले भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाया। अब 1 जनवरी से भीख देने वालों पर भी FIR दर्ज करने की तैयारी है। केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने की कोशिश हो रही है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूकता अभियान इस महीने के अंत तक चलेगा। एक जनवरी से अगर कोई भी व्यक्ति भीख मांगते और भीख देते पाया गया तो उसके खिलाफ भी FIR दर्ज की जाएगी।
केंद्र सरकार का ये पायलट प्रोजेक्ट देश के 10 बड़े शहरों में चलाया जा रहा है। (gfx in) इंदौर के साथ दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना और अहमदाबाद, जैसे शहरों में भिक्षावृत्ति विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। भारत में पिछली जनगणना 2011 के अनुसार भिखारियों की कुल संख्या 4 लाख,13 हजार, 670 है, जो पिछले 13 वर्षों में कई गुना बढ़ कर इससे कहीं अधिक हो गयी होगी। (gfx out) दिलचस्प बात ये है कि भिक्षावृत्ति को पेशा बनाने वाले देशभर में 21 फीसदी भिखारी 12वीं पास हैं।
ये 10 शहर पायलट प्रोजेक्ट में शामिल
• इंदौर, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ
• मुंबई, नागपुर, पटना और अहमदाबाद
• इन शहरों में भिक्षावृत्ति विरोधी अभियान चल रहा है
• जनगणना 2011 के अनुसार देश में कुल भिखारी 4,13,670
• 13 वर्षों में कई गुना बढ़ी भिखारियों की संख्या
भारत में भिक्षावृत्ति की रोकथाम और नियंत्रण के लिये कोई संघीय कानून नहीं है, कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने स्वयं के कानूनों के आधार के रूप में बॉम्बे अधिनियम का उपयोग किया है। इसके तहत ये मुख्य प्रावधान हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत गाना गाकर, नृत्य करके भीख मांगना आता है, भविष्य बताना, कोई सामान देना, या कोई चोट दिखाना भी आता है, ये अधिनियम पुलिस को बिना वारंट गिरफ्तार करने की शक्ति देता है, इस कानून के तहत पकड़े जाने पर पहली बार में 3 साल हिरासत का प्रावधान है, दूसरी बार में 10 साल तक हिरासत में रखने का प्रावधान है। (gfx out)
बॉम्बे भिक्षावृत्ति रोकथाम अधिनियम 1959
• अधिनियम के अंतर्गत गाना गाकर, नृत्य करके भीख मांगना शामिल
• भविष्य बताना, कोई सामान देना या कोई चोट दिखाना भी आता है
• अधिनियम बिना वारंट गिरफ्तार करने की पुलिस को शक्ति देता है
• कानून के तहत पकड़े जाने पर पहली बार में 3 साल हिरासत का प्रावधान
• दूसरी बार में 10 साल तक हिरासत में रखने का प्रावधान
केंद्र सरकार के इस पायलट प्रोजेक्ट के क्रियांवयन के दौरान भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्ति पलायन कर दूसरे शहर में भीख मांगने का कार्य भी करने लगे हैं। ऐसी खबरें भी सामने आई हैं। देश में भिक्षावृत्ति कई रूपों में विद्यमान है और इसके पीछे कई कारण हैं जैसे गरीबी, भुखमरी, आय की असमानता के चलते देश में एक वर्ग ऐसा भी है, जिसे भोजन, कपड़ा और आवास जैसी आधारभूत सुविधाएँ भी प्राप्त नहीं हो पाती हैं। ये वर्ग कई बार मजबूर होकर भीख मांगने का विकल्प अपना लेता है। लेकिन ये भी सही है कि इसकी आड़ में संगठित गिरोहों ने भी भिक्षावृत्ति को धंधा बना लिया है, इसके कारण देश में अक्सर मानव तस्करी की घटनाएं भी सामने आती हैं। सवाल यही है कि इस पायलट प्रोजेक्ट के बाद क्या देश भर में भिक्षावृति पर लगाम लगाने के प्रयास होंगे। और होंगे तो भारत जैसे देश में ये कितने सफल होंगे।
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