भारत में इमरजेंसी को लेकर आज भी पूर्व की सरकारों को घेरा जाता है। उस वक्त की इंदिरा गांधी सरकार को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ा था। कुछ ऐसा ही घटनाक्रम में इस वक्त साउथ कोरिया में देखने को मिल रहा है। साउथ कोरिया जिसने दुनिया को बीटीएस जैसा बैंड, सैमसंग जैसी सफल कंपनी और ‘आई एम नॉट अ रोबोट’ जैसे सफल ड्रामे दिए वो इमरजेंसी के बाद आए भूकंम से गुज़र रहा है।
दरअसल, 3 दिसंबर 2024 की रात 10 बजकर 23 मिनट पर वहां के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने अचानक देश में इमरजेंसी यानी मार्शल लॉ घोषित कर दिया। जनता को इमरजेंसी इतनी नागवार गुज़री की लोगों ने सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया। सरकार ने लोगों की नाराज़गी को भांपते हुए तुरंत इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। जिसक बाद 6 घंटे में ही इमरजेंसी के फैसले को निरस्त करना पड़ा। अपनी गलती को स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति ने तुरंत लोगों से माफी मांगी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 10 दिनों के अंतराल में नेशनल असेंबली में महाभियोग प्रस्ताव लाकर इमरजेंसी लगाने वाले राष्ट्रपति को गद्दी से उतार दिया।
मार्शल लॉ (इमरजेंसी) लगाने के पीछे प्रमुख कारण
साउथ कोरिया में राष्ट्रपति के लिए 5 साल में चुनाव होते है। जिसमें जनता सीधे राष्ट्रपति को 5 सालों के लिए चुनती है। यून ने मामूली तर से जीत हासिल की थी, लेकिन नेशनल असेंबली के लिए हर 4 साल में चुनाव होते है। हाल ही में संपन्न हुए नेशनल असेंबली के चुनावों में राष्ट्रपति यून की पार्टी को केवल 108 सीटें मिली थी। जबकि विपक्ष की डीपीके पार्टी को 170 सीटें मिली थी। अपनी पार्टी की हार के बाद यून अपने मन मुताबिक कानून पारित नहीं कर पा रहे थे। असेंबली में हार के बाद यून अपने मनचाहे कानून पारित कर नहीं पाए। सदन में विपक्ष के पारित किए विधेयकों को रोकने के लिए उन्होंने वीटो पावर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था।यून और उनकी पत्नी किम-क्यूं-ही पर कई घोटालों के आरोप भी हैं। किम पर ड्यूच मोटर्स से जुड़े मामले में 63.6 बिलियन डॉलर के गबन का आरोप है। किम के खिलाफ जांच के लिए विपक्ष संसद में ‘स्पेशल काउंसिल इन्वेस्टिगेशन बिल’ लाया था। इसके अलावा सितंबर 2022 में किम को कोरियन अमेरिकन पादरी ने 2 लाख रुपए का डि’ओर कम्पनी का लग्जरी बैग तोहफे में दिया। इसका वीडियो वायरल हो गया और जनता में आक्रोश फैल गया। लोगों का कहना था कि किम फर्स्ट लेडी हैं, इसलिए उन्हें इतना महंगा तोहफा नहीं लेना चाहिए था।