Mohit Jain
USA: अमेरिका ने गुरुवार रात नाइजीरिया में आतंकी संगठन ISIS के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोशल मीडिया पोस्ट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि ISIS ईसाइयों को निशाना बनाकर बेरहमी से हत्या कर रहा है।
ट्रम्प का बयान और धमकी
ट्रम्प ने आतंकियों को ‘आतंकी कचरा’ बताया और लिखा कि अमेरिका कट्टर इस्लामी आतंकवाद को पनपने नहीं देगा। पोस्ट में उन्होंने मारे गए आतंकियों को क्रिसमस की बधाई दी और चेतावनी दी कि अगर ईसाइयों की हत्याएं जारी रहीं, तो आगे और भी आतंकी मारे जाएंगे।

सटीक कार्रवाई पर अमेरिका का दावा
ट्रम्प ने रक्षा मंत्रालय की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह की सटीक कार्रवाई केवल अमेरिका ही कर सकता है। अमेरिकी सेना ने ऑपरेशन में कई परफेक्ट स्ट्राइक की हैं।

नाइजीरिया में हिंसा की स्थिति
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर सिविल लिबर्टीज एंड रूल ऑफ लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से अगस्त तक नाइजीरिया में 7,000 से अधिक ईसाई मारे गए हैं। इन हत्याओं में बोको हरम और फुलानी जैसे आतंकी संगठनों की भूमिका रही है।
नाइजीरिया सरकार का सहयोग
अमेरिका के हमले को नाइजीरिया सरकार का सहयोग प्राप्त था। सोकोतो राज्य में ऑपरेशन हुआ और ISIS के कई आतंकवादी मारे गए।
धार्मिक हिंसा की वजह
नाइजीरिया की 22 करोड़ की आबादी लगभग बराबरी से मुस्लिम और ईसाई समुदाय में बंटी है। बोको हरम जैसे कट्टरपंथी लंबे समय से हिंसा कर रहे हैं। उत्तरी हिस्सों में ईसाई और मुस्लिम दोनों समुदायों को इसका शिकार होना पड़ रहा है।
अमेरिका का रुख और ऐतिहासिक संदर्भ
अमेरिका ने 2020 में नाइजीरिया को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों की सूची में रखा था। 2023 में यह टैग हटा दिया गया था, जिसे दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने के प्रयास के तौर पर देखा गया।





