मध्यप्रदेश के विजयपुर में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव के बाद जहां कांग्रेस पार्टी में नई उर्जा देखी जा रही है तो वहीं वन मंत्री रहते हुए चुनाव लड़े राम निवास रावत ने हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।रावत की हार के 12 दिन बाद उनका इस्तीफा स्वीकर करते हुए राज्यपाल के पास भेजा गया। जिसकर राज्यपाल की तरफ से मुहर लगाई जा चुकी है। रावत के इस्तीफे के बाद अब सवाल उठता है कि, अगला वन मंत्री कौन होगा। मंत्री पद के लिए संपतिया उईके, विजय शाह समेत कई नाम है जिनपर चर्चा लगातार जारी है। अन्य कई मंत्री भी विभाग की ओर अपना रुझान दिखा रहे है। राम निवास रावत ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ली थी। मंत्री रहते हुए ही रावत ने चुनाव लड़ा था। अब विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश सरकार उन्हें कोई अन्य ज़िम्मेदारी दे सकती है।
किस तरह से होगा मंत्रिमंडल का विस्तार
मंत्रिमंडल में रावत के जाने के बाद कई बदलाव हुए है। अधिकतम 35 मंत्रियों की संख्या वाले मध्यप्रदेश में अब केवल 32 मंत्री है। इस समय मध्यप्रदेश विधानसभा में 3 मंत्रियों की गुंजाइश है, लेकिन फिलहाल विस्तार की कोई संभावना नज़र नहीं आ रही है, क्योंकि सरकार के आगे विस्तार कोई खास मजबूरी नहीं है।
जानकारों के मुताबिक वन मंत्री की ज़िम्मेदारी आदिवासी मंत्री नागर सिंह चौहान को दी जा सकती है। नागर सिंह पहले भी मंत्री पद संभाल चुके है, और दौबारा मंत्री पद की दावेदारी कर चुके है। आदिवासी चेहरों में पीएचई मंत्री संपतिया प्रबल दावेदार मानी जा रही है। संपतिया को मंत्री बनाकर सरकार महिला और आदिवासी दोनों वर्गों को मैसेज भेज सकती है।संपतिया के अलावा जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह भी लगातार मंत्री पद की कोशिश में है। शिवराज सरकार में वो वन विभाग का कार्य संभाल चुके है।