एक दिन पहले बालाघाट में सीएम डॉ. यादव के सामने 10 नक्सलियों ने डाले हथियार
Vijay Nandan (वरिष्ठ पत्रकार और डिजिटल एडिटर)
खैरागढ़: लक्की भोंडेकर
बालाघाट: दीपक वंशपाल
खैरागढ़: छत्तीसगढ़ के बकरकट्टा क्षेत्र में आज सुबह देश की सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली। नॉर्थ बस्तर में सक्रिय कुख्यात माओवादी कमांडर रामधेर मज्जी, जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था, रामधेर मज्जी ने अपने 11 साथियों के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। मज्जी को नक्सली संगठन में हिडमा के स्तर का कमांडर माना जाता था। इस बड़े सरेंडर ऑपरेशन के साथ ही महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का संयुक्त नक्सल जोन पूरी तरह नक्सल मुक्त घोषित हो गया है।
सरेंडर करने वालों में टॉप कमांडर से लेकर एरिया लीडर तक शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में मज्जी के अलावा तीन डिविजनल वाइस कमांडर, कई एरिया कमेटी मेंबर और पार्टी मेम्बर शामिल हैं। इनके पास से एके-47, इंसास, एसएलआर जैसी आधुनिक राइफलें बरामद की गईं। मज्जी ने खैरागढ़ के कुम्ही गांव स्थित बरकट्टा थाने में अपनी टीम के साथ हथियार डाल दिए। पुलिस अब सभी से पूछताछ कर रही है ताकि नक्सली नेटवर्क और उनकी गतिविधियों की विस्तृत जानकारी जुटाई जा सके।
सरेंडर करने वाले प्रमुख नक्सली कैडर और रैंक
- रामधर मज्जी – CCM – AK-47
- चंदू उसेंडी – DVCM – 30 कार्बाइन
- ललिता – DVCM – NIL
- जानकी – DVCM – INSAS
- प्रेम – DVCM – AK-47
- रामसिंह दादा – ACM – NIL
- सुकेश पोट्टम – ACM – AK-47
- लक्ष्मी – PM – INSAS
- शीला – PM – INSAS
- सागर – PM – SLR
- कविता – PM – NIL
- योगिता – PM – NIL

केंद्र सरकार का लक्ष्य: 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा
सरकार ने नक्सलवाद पूरी तरह मिटाने के लिए 31 मार्च 2026 की डेडलाइन तय की है। इसी मिशन के तहत सुरक्षाबलों ने पिछले कई महीनों में अभियान तेज कर दिया है। कुछ दिन पहले 3 दिसंबर को बीजापुर जिले में हुए बड़े एनकाउंटर में 18 नक्सली मारे गए थे। इस मुठभेड़ में डीआरजी के तीन साहसी जवान, हेड कांस्टेबल मोनू वडाड़ी, कांस्टेबल दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी भी शहीद हुए।
2025 में अब तक कितने नक्सली ढेर हुए?
- छत्तीसगढ़ में कुल 281 नक्सली मारे गए
- इनमें से 252 बस्तर क्षेत्र में ढेर किए गए
- 27 नक्सली गरियाबंद जिले (रायपुर रेंज) में मारे गए
- 2 नक्सली मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी (दुर्ग रेंज) में मारे गए
- अब तक माओवादी हिंसा और मुठभेड़ों में 23 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए
8 दिसंबर 2025: बालाघाट में 6 नक्सलियों का सरेंडर
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में आज नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली, जहां नक्सली कमांडर दीपक ने अपने 5 साथियों के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस सरेंडर के साथ ही बालाघाट जिले को पूरी तरह नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, समर्पण करने वाले सभी नक्सली लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय थे और कई घटनाओं में शामिल रहे थे। पुलिस अब उनसे पूछताछ कर रही है ताकि नेटवर्क और गतिविधियों से जुड़ी और जानकारी प्राप्त की जा सके।
07 दिसंबर को सीएम डॉ. मोहन यादव के सामने 10 नक्सलियों ने किया आत्म समर्पण
- सुरेंद्र उर्फ कबीर उर्फ सोमा सोढी पिता उंग्गा सोढी जाति गोंड उम्र 50 निवासी पुलमपाढ थाना गुल्लापल्ली जिला सुकमा छग।
- राकेश ओडी उर्फ मनीष पिता समरत ओडी जाति गोंड उम्र 42 निवासी ग्राम झंडेपार (बोट्टेकसा) थाना कोरची जिला गडचिरौली महाराष्ट्र।
- लालसिंह मरावी उर्फ सींगा उर्फ प्रवीण पिता भीमा माता ऊंगी जाति गोंड उम्र 30 निवासी छोटे गुडरा थाना कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा छग।
- शिल्पा नुप्पो पिता जोगा माता ..बीमे..जाति गोंड उम्र 26 निवासी बुडिया बट्टुम थाना बासीगुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
- सलीता उर्फ सावित्री अलावा पिता लकमु माता चिको जाति गोंड उम्र 26 निवासी सीनागेलोर थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
- नवीन नुप्पो उर्फ हिडमा पिता नंगा माता बीमे जाति गोंड उम्र 30 निवासी बोडकेल तहसील कोंटा (जगरगुंडा) जिला सुकमा छग।
- जयशीला उर्फ ललीता ओयम पिता समलु माता देवे जाति गोंड उम्र 26 निवासी तरैम थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
- विक्रम उर्फ हिडमा वट्टी पिता तकमा माता पीसे जाति गोंड उम्र 30 निवासी मडपे दुल्लोड थाना 4 थाना चिंता गुफा जिला सुकमा छग।
- जरिना उर्फ जोगी मुसाक पिता अंदल माता कोशी जाति गोंड (मुडिया) उम्र निवासी मुरंगा थाना गंगलुर जिला बिजापुर छग।
- समर उर्फ समारू उर्फ राजु अतरम पिता सन्नु माता सुमरी जाति गोंड उम्र 32 निवासी इंड्री तहसील बैरमगढ जिला बीजापुर छग।

29 नवंबर: महाराष्ट्र के गोंदिया में 11 माओवादियों का सरेंडर
पूर्वी महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में नक्सली अनंत उर्फ विनोद सय्यना समेत 11 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों पर 89 लाख रुपये का इनाम घोषित था. पुलिस उप महानिरीक्षक अंकित गोयल (गढ़चिरौली रेंज) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले ये कार्यकर्ता प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के दरेकसा दलम से जुड़े थे. उन्होंने कहा कि दरेकसा दलम एमएमसी (महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) क्षेत्र का सबसे सक्रिय दलम है।

संपादकीय नजरिया:
नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में हाल की घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि सुरक्षा बलों की लगातार रणनीतिक कार्रवाई, सरकार की कठोर नीति और स्थानीय जनता के भरोसे की पुनर्स्थापना, इन तीनों का संयुक्त प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। सरेंडर की बढ़ती घटनाएँ बताती हैं कि संगठन के भीतर वैचारिक कमजोरी और संसाधनों की कमी गहराती जा रही है। लेकिन केवल बंदूक से लड़ाई खत्म नहीं होती, स्थानीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और संवाद की स्थायी व्यवस्था ही नक्सलवाद को जड़ से मिटा सकती है। आज जब मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र नक्सल मुक्त घोषित होने की दिशा में बढ़ रहे हैं, यह उपलब्धि जितनी महत्वपूर्ण है, उतना ही जरूरी है कि इन इलाकों को टिकाऊ शांति और विकास का अवसर दिया जाए, ताकि फिर कभी कोई युवा जंगल और बंदूक के बीच अपनी ज़िंदगी न खोए।





