BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर: नाबालिग से रेप के आरोपी रियल एस्टेट कारोबारी संजय दुबे के बेटे राजा को 30 घंटे तक थाने में बैठाकर रखने और हथकड़ी लगाने के मामले में हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने पुलिस पर कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि पुलिस ने युवक के मूल अधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है।
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान डबल बेंच—जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस बीके द्विवेदी—ने सख्त लहजे में कहा, “हथकड़ी तो लगा ही दी थी, बेड़ियां भी बांध देते।” कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है कि जिम्मेदार टीआई और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जाए और आपराधिक प्रकरण दर्ज कर रिपोर्ट दो सप्ताह में कोर्ट में प्रस्तुत की जाए।
टीआई ने कहा—थाना खुला था, इसलिए हथकड़ी लगाई
राजा की ओर से वकील नीरज सोनी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चंदन नगर थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल से 30 घंटे का सीसीटीवी फुटेज मांगा था। पहले फुटेज देने में आनाकानी की गई, बाद में पेन ड्राइव में फुटेज उपलब्ध कराया गया। टीआई ने कोर्ट को बताया कि “थाना खुला था, युवक भाग न जाए इसलिए हथकड़ी लगाई।”
इस पर अदालत ने टिप्पणी की कि यह तर्क किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
कोर्ट बोला—काफी सबूत मौजूद, आप गिरफ्तारी से इनकार नहीं कर सकते
जब टीआई ने फुटेज निकालने में दिक्कत बताई, तब कोर्ट ने कहा—
“हमारे पास आपके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। बस यह बताइए कि युवक को आपने रोका था या नहीं।”
टीआई इस सवाल से बच नहीं पाए और स्वीकार किया कि युवक को उनकी कस्टडी में रखा गया था।
क्या है मामला?
इंदौर के कारोबारी संजय दुबे पर एक नाबालिग लड़की ने शारीरिक शोषण और गर्भवती करने का आरोप लगाया था। 12 नवंबर को पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ, परन्तु आरोपी फरार है। इसी बीच 26 नवंबर को पुलिस ने दबाव बनाने की कोशिश में उसके बेटे राजा (32) को हिरासत में ले लिया।
- हिरासत के दौरान पुलिसकर्मियों ने खुद को क्राइम ब्रांच का बताया
- राजा को करीब 30 घंटे तक थाने में बैठाए रखा
- हथकड़ी लगाई गई और अपमानजनक व्यवहार किया गया
- 27 नवंबर की रात 11:30 बजे छोड़ा गया
- कोई औपचारिक गिरफ्तारी नहीं दिखाई गई
राजा के साले आकाश तिवारी ने इस पूरी घटना की शिकायत पुलिस कमिश्नर से भी की और हाईकोर्ट में याचिका लगाई।
कानून का स्पष्ट उल्लंघन
कानूनी प्रावधानों के अनुसार—
- किसी व्यक्ति को सिर्फ पूछताछ के लिए लंबे समय तक थाने में रखना गैरकानूनी है
- गिरफ्तारी की स्थिति में भी 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करना आवश्यक है
- हथकड़ी लगाने के लिए स्पष्ट और गंभीर कारण होना चाहिए
चंदन नगर पुलिस इन सभी नियमों का पालन करने में विफल रही, जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।





