Reporter: kushal Chopra, Edit By: Mohit Jain
बीजापुर जिले के वे गांव, जहाँ बारिश के मौसम में पहुँचना भी बड़ी चुनौती माना जाता है, वहां दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर ग्रामीणों के लिए जीवनरक्षक सहारा बनकर पहुंचा। भोपालपटनम ब्लॉक की स्वास्थ्य टीम ने जोखिम भरा सफर तय करते हुए पाँच पहुंचहीन गांव-0फरसनार, कर्कवाड़ा, गोडनुगर, दूदेपल्ली और केरपे-में शिविर लगाया। कई जगह टीम को पैदल चलकर नदी-नालों और टूटी सड़कों को पार करना पड़ा।

ग्रामीणों को मिला उपचार, दवाइयाँ और जागरूकता
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दो दिनों तक ग्रामीणों की जांच और उपचार किया। मलेरिया की जांच की गई, दवाइयाँ वितरित की गईं और बरसात के बाद फैलने वाली बीमारियों से बचाव के उपाय बताए गए। ग्रामीणों ने कहा कि बारिश के बाद महीनों तक यहां कोई सुविधा नहीं पहुँचती, ऐसे में यह शिविर उनके लिए जीवन का सहारा बनकर आया है।

166 लोगों का उपचार, कई बीमारियों की पहचान
बीजापुर के सीएमएचओ डॉ. पुजारी के अनुसार, शिविर में ग्रामीणों का उत्साह देखने लायक रहा। कुल 166 मरीजों की जांच की गई, जिनमें 40 मलेरिया मरीज, 28 बुखार, 15 सर्दी-जुकाम, 10 दस्त के मरीज शामिल रहे। साथ ही कई ग्रामीणों की सामान्य एवं पुरानी बीमारियों की भी जांच कर आवश्यक दवाइयाँ दी गईं।
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त पहल ने इन दुर्गम इलाकों में फिर एक बार साबित किया कि सही प्रयास और समर्पण से हर जरूरतमंद तक सहायता पहुँचाई जा सकती है।





