Mohit Jain
मध्यप्रदेश में ठंड का असर अगले दो दिनों में फिर तेज होने वाला है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में इन दिनों बादल छाए रहने से तापमान में उतार-चढ़ाव दिख रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बादल जरूर हैं, लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी जारी है, लेकिन हवा की दिशा बदलने से फिलहाल उत्तरी ठंडी हवाएं मध्यप्रदेश में प्रवेश नहीं कर पा रही हैं।
बंगाल की खाड़ी में सक्रिय निम्न दाब क्षेत्र के कारण प्रदेश में हल्के बादल हैं। इससे दिन में हल्की ठंडक महसूस हो रही है जबकि रात के तापमान में 5 से 6 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

बीते दो दिनों में भोपाल का तापमान 15.4 डिग्री, इंदौर 16.8 डिग्री, ग्वालियर 10 डिग्री, उज्जैन 16.7 डिग्री और जबलपुर 15 डिग्री रहा। वहीं नौगांव, रीवा, मुरैना, खजुराहो, चित्रकूट और दतिया में पारा 10 डिग्री से नीचे दर्ज हुआ। नौगांव सबसे ठंडा रहा, जहां तापमान 8 डिग्री पर पहुंच गया।
नवंबर में रिकॉर्ड ठंड, अब थोड़ी राहत
इस बार नवंबर में एमपी में ठंड ने कई पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। भोपाल में 84 साल बाद सबसे ज्यादा ठंड पड़ी, जबकि इंदौर में 25 साल का रिकॉर्ड टूटा। 6 नवंबर से शुरू हुई कड़ाके की ठंड ने लगातार 15 दिन तक लोगों को कंपा दिया। हालांकि अब हवा की दिशा बदलने से पिछले चार दिन से शीतलहर नहीं चली है और कुछ राहत मिली है।
यह मौसम इस पूरे सप्ताह इसी तरह बना रह सकता है, लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह में फिर से कड़ाके की ठंड लौटने का अनुमान है।

सुबह कोहरे का अलर्ट, संभलकर चलें वाहन
प्रदेश में सुबह और रात के समय कोहरा छाने लगा है। मौसम विभाग ने लोगों को सावधानी से वाहन चलाने की सलाह दी है। फॉग लाइट का इस्तेमाल करें और गति नियंत्रित रखें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ठंड में सिर, गर्दन, हाथ-पैर ढंककर रखने और विटामिन सी से भरपूर आहार लेने की सलाह दी है।
किसानों के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है—जहां मिट्टी में पर्याप्त नमी हो, वहां गेहूं, चना और सरसों की बुआई करें। पहले से बोई फसलों के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर सिंचाई करें और फसल अवशेष जलाने से बचें।





