जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं की जानकारी देगा शालिनी ऐप
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले अपने संबोधन में मंत्रीगण को भावांतर योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भावांतर योजना के तहत सोयाबीन के लिए 13 नवम्बर को देवास से किसानों के खाते में राशि अंतरित की गई। योजना की शुरूआत के 15 दिन में ही किसानों से किया वादा पूरा करते हुए 1 लाख 33 हजार किसानों के खाते में 233 करोड़ रूपये की राशि अंतरित की। सोयाबीन की खरीद 220 से अधिक मुख्य और 80 उपमंडियों में की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश द्वारा योजना का क्रियान्वयन बड़ी उपलब्धि है। लगातार बढ़ रहे मॉडल रेट से प्रदेश को लाभ होगा। मध्यप्रदेश द्वारा की गई इस पहल से अन्य राज्य भी प्रेरणा ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय गौरव दिवस के सफल आयोजन के संबंध में बताया कि जबलपुर में हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश में और विशेष रूप से बड़वानी, अलीराजपुर और जबलपुर में विशेष आयोजन हुए। कार्यक्रम में प्रदेश में जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए 662 करोड़ रुपए से अधिक की 135 विकास कार्य की योजनाओं की सौगात दी गई। कार्यक्रम में शालिनी एप का लोकार्पण किया गया। इस एप के माध्यम से जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं की जानकारी मिलेगी। जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत संचालित सभी कन्या छात्रावास और आश्रमों का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा जाएगा। बालक छात्रावासों का नाम भी महाराजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2026 में 5 हजार छात्रावास अधीक्षकों की भर्ती होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भाईदूज पर लाड़ली बहना योजना की राशि 1250 रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपये करने का वादा किया था जो 12 नवंबर को पूरा किया गया। इस योजना की शुरूआत जून 2023 में हुई थी तब से अक्टूबर 2025 तक बहनों को 44 हजार 900 करोड़ से अधिक राशि का अंतरण कर चुके हैं। राखी के शगुन के 250 रूपये अलग से बहनों को दिये गये हैं। अब से हर महीने 1500 रूपये मिलेंगे। हम अपनी बहनों को सशक्त बनाने के लिये हर संभव प्रयास करेंगें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पन्ना के हीरे को जी.आई. मिलने की भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारे पन्ना के हीरे को भारत सरकार द्वारा जीआई टैग प्रदान किया गया है। पन्ना तो अभी भी हीरे के लिये जाना जाता था, परन्तु जीआई टैग मिलने से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी मान्यता होगी और इसे पन्ना डायमण्ड के नाम से ही बेचा जायेगा। इससे युवाओं और कारीगरों को रोजगार के नये अवसर भी मिलेंगे। यह प्रदेश के लिये गौरव का विषय है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इंदौर में हुए एमपी टेक ग्रोथ के सफल आयोजन से प्रदेश में आईटी, ड्रोन, सेमीकंडक्टर आदि क्षेत्रों में निवेश गतिविधियों के विस्तार के नए द्वार खुलेंगे। कार्यक्रम में एयरोस्पेस, रक्षा, EV मेनुफेक्चरिंग इत्यादि क्षेत्रों में निवेश, भूमि आवंटन नीति प्रोत्साहन पर भी चर्चा हुई। भारतीय सेना और राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों के प्रतिनिधियों से वन-टू-वन चर्चा की गई। भारतीय सेना के मेजर कर्नल श्री गौतम महाजन, ब्रिगेडियर श्री एम. रन्धावा, ब्रिगेडियर एस. श्री दीपक गिरी एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात परिणाममूलक रही। इसके अलावा अन्य कम्पनियों के सीनियर अधिकारियों से हुई चर्चा के सकारात्मक परिणाम आएंगे। कॉन्क्लेव में निवेश और उद्योग संवर्धन के लिये 9 कंपनियों को भूमि आवंटन के लिये आशय-पत्र जारी किये गये। इस कॉन्क्लेव की समस्त गतिविधियों से 15 हजार 996 करोड़ रूपयों का निवेश एवं 64,085 का रोजगार सृजित होगा। कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश में निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने की दिशा में 7 महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश स्पेस टेक नीति-2025 मसौदे का अनावरण भी किया गया। यह नीति राज्य को भारत की स्पेस टेक अर्थव्यवस्था में अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इसके माध्यम से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, निवेश और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे एवं आर्थिक और वैज्ञानिक विकास को नई ऊँचाइयां मिलेंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े मेले सिंहस्थ 2028 का आयोजन पूर्ण गरिमा-गौरव-भव्यता और दिव्यता के साथ करने के लिए साधु संतों, जिला प्रशासन, अन्य राज्यों में हुए कुंभ एवं सिंहस्थ के व्यवस्थापकों तथा स्थानीय किसानों के सुझाव लेकर गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। लैंड पूलिंग के विषय पर स्थानीय किसानों के विचारों के अनुसार कार्य किया जाएगा।





