Mohit Jain
80th Central Budget: रविवार को पेश हो सकता है बजट, तारीख को लेकर सस्पेंस बरकरार: देश के 80वें केंद्रीय बजट को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं, लेकिन इस बार बजट की तारीख पर सस्पेंस बना हुआ है। साल 2026 में 1 फरवरी रविवार के दिन पड़ रहा है और इसी दिन गुरु रविदास जयंती भी है। ऐसे में पहली बार बजट रविवार को पेश किए जाने की संभावना बन रही है।
80th Central Budget: रविवार को बजट आया तो बनेगा नया इतिहास
अगर 1 फरवरी को बजट पेश होता है, तो साल 2017 में बजट की तारीख 1 फरवरी किए जाने के बाद यह पहला मौका होगा जब केंद्रीय बजट रविवार को संसद में पेश किया जाएगा। इससे पहले बजट आमतौर पर कार्यदिवसों में ही प्रस्तुत किया जाता रहा है।

80th Central Budget: शनिवार को बजट आने की संभावना कम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार 31 जनवरी शनिवार को बजट पेश किए जाने की संभावना बेहद कम है। साल 2020 और 2025 में बजट शनिवार को पेश किया गया था, लेकिन इस बार सरकार उस विकल्प पर विचार नहीं कर रही है। अगर रविवार को बजट नहीं आया, तो दूसरा विकल्प 2 फरवरी सोमवार का हो सकता है।
सरकार 1 फरवरी की परंपरा बनाए रखना चाहती है
सूत्रों के मुताबिक सरकार 1 फरवरी को बजट पेश करने की परंपरा को बनाए रखने के पक्ष में है। संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा है कि बजट की तारीख पर अंतिम फैसला समय आने पर कैबिनेट कमेटी लेगी।

रविदास जयंती ‘रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे’ में शामिल
जानकारों का कहना है कि गुरु रविदास जयंती केंद्र सरकार की सार्वजनिक अवकाश सूची में नहीं, बल्कि प्रतिबंधित अवकाश की सूची में शामिल है। ऐसे में रविवार होने के बावजूद संसद की विशेष बैठक बुलाकर बजट पेश किया जा सकता है।
निर्मला सीतारमण रचेंगी इतिहास
बजट 2026-27 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट होगा। इसके साथ ही वे पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगी। हालांकि, मोरारजी देसाई ने यह उपलब्धि दो अलग-अलग प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में हासिल की थी, जबकि निर्मला सीतारमण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली दो लगातार सरकारों में यह रिकॉर्ड बनाने वाली पहली वित्त मंत्री होंगी।

रविवार को संसद चलने के पहले भी रहे हैं उदाहरण
संसद के इतिहास में कई ऐसे मौके रहे हैं, जब रविवार या छुट्टियों के दिन भी सदन की कार्यवाही चली है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान और 2012 में संसद की 60वीं वर्षगांठ पर रविवार को विशेष सत्र आयोजित किया गया था। वहीं 1957 में बुद्ध पूर्णिमा की छुट्टी के बावजूद राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ था।
संवैधानिक प्रक्रिया होने से संभव है रविवार सत्र
विशेषज्ञों का मानना है कि बजट एक संवैधानिक प्रक्रिया है, इसलिए जरूरत पड़ने पर रविवार को भी संसद की बैठक बुलाकर बजट पेश किया जा सकता है। अब सभी की नजरें सरकार के अंतिम फैसले पर टिकी हुई हैं।





