BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर | ग्वालियर में एक हैरान करने वाला धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। सदर बाजार मुरार के एक प्रतिष्ठित कारोबारी धीरज अग्रवाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें झूठे दस्तावेज और फर्जी जानकारी देकर ₹50 लाख की ठगी की गई। आरोपी कारोबारी ने बंधक प्रॉपर्टी छुड़ाने का बहाना बनाकर ये राशि हड़प ली।
क्या है पूरा मामला?
धीरज अग्रवाल का आरोप है कि मुरार सदर बाजार में ‘शांति प्रकाशन’ के नाम से स्टेशनरी और किताबों का कारोबार करने वाले गौतम राय रैली ने उन्हें अपनी फर्म ‘मेसर्स भारत स्कूल एंड सप्लायर’ के लोन खाते में बंधक प्रॉपर्टी छुड़वाने के लिए ₹50 लाख देने को कहा।
गौतम ने यह भी वादा किया कि प्रॉपर्टी फ्री होते ही ₹3 करोड़ में उसे धीरज को बेच दिया जाएगा। पुराने व्यापारिक रिश्तों और भरोसे के चलते धीरज ने तीन किस्तों में कुल ₹50 लाख की राशि सौंप दी।
कब-कब और कैसे दिए गए रुपए?
- 25 अक्टूबर 2024: ₹30 लाख वाउचर पर हस्ताक्षर कराकर दिए गए।
- 28 अक्टूबर 2024: ₹10 लाख नकद दिए गए।
- 30 अक्टूबर 2024: ₹10 लाख गौतम के कर्मचारी मानवेंद्र को दिए, जिसने रसीद भी दी।
धोखाधड़ी का खुलासा कैसे हुआ?
धीरज को इस डील के कुछ हफ्तों बाद 5 दिसंबर 2024 को एक अखबार में नीलामी की सूचना दिखाई दी। इसमें बताया गया कि ‘भारत स्कूल एंड सप्लायर’ के लोन खाते में जो प्रॉपर्टी बंधक बताई गई थी, वो असल में कभी बंधक थी ही नहीं। बैंक में किसी दूसरी प्रॉपर्टी की नीलामी की बात सामने आई।
इसके बाद जब धीरज ने रकम वापस मांगी, तो आरोपी ने न केवल मना कर दिया, बल्कि अभद्र भाषा में बात की और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।
पुलिस में क्या कार्रवाई हुई?
धीरज अग्रवाल की शिकायत के बाद पुलिस ने गौतम राय रैली, उसकी पत्नी प्रिया रैली और पिता गुलशन राय रैली के खिलाफ अमानत में खयानत (धोखाधड़ी) की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
आरोपी का पक्ष – दावा उलटा
जब पुलिस ने पूछताछ की, तो आरोपी गौतम राय रैली ने उल्टा धीरज पर ही 20 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान न करने का आरोप लगाया।
गौतम का कहना है कि
- उन्होंने धीरज को सिरोल स्थित दो प्रॉपर्टी बेची थीं,
- बदले में ₹20.70 करोड़ मिलने थे,
- धीरज ने उन्हें दो चेक दिए – ₹60 लाख और ₹80 लाख के,
- ₹60 लाख वाला चेक तो वापस ले लिया गया,
- लेकिन ₹80 लाख वाला चेक बाउंस हो गया।
- उन्होंने कोर्ट में मामला दर्ज करा रखा है।
मामला अब दोतरफा
इस केस में अब दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर वित्तीय आरोप लगा रहे हैं। जहां धीरज अग्रवाल इसे योजनाबद्ध धोखाधड़ी बता रहे हैं, वहीं गौतम रैली इसे प्रॉपर्टी सौदे का भुगतान विवाद बता रहे हैं।