मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह विवाद में हिंदु पक्ष को बड़ी सफालता मिली है। कोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल 18 सिविल वाद पोषणीय है। झटके पर झटका खा रही ईदगाह कमेटी हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। मुस्लिम पक्ष की ओर से सभी सिविल वादों की पोषणीयता को लेकर दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन अदालत ने दिन प्रतिदिन लंबी सुनवाई की थी। इसके बाद जून में फैसला सुरक्षित कर लिया था। बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया गया। केस की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताई ये बात
कृष्ण जन्मभूमि मामले पर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया, “4 महीने तक सुनवाई करने के बाद आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की याचिका खारिज कर दी है। शाही ईदगाह मस्जिद का तर्क था कि ये मुकदमा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के तहत वर्जित है। 5 कानून उन्होंने बताए थे। इसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि ये चलने योग्य मुकदमा है। अगली सुनवाई 12 अगस्त है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के सर्वे के आदेश पर जो रोक लगाई है उसे हटाने की मांग करेंगे…”
यूपी सरकार का क्या कहना है?
कृष्ण जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “..भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में भी मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में भगवान श्री कृष्ण के भक्तों को न्याय मिलेगा…कोर्ट का आज का निर्णय स्वागत करने योग्य है।”
कृष्ण जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “न्यायालय के फैसले का हम स्वागत करते हैं। ये निर्णय जन भावनाओं के अनुरूप है। देश में आदिकाल से लोग चाहते हैं। राम-कृष्ण हमारी विरासत है, हमारी संस्कृति है, हमारी विचारधारा है। ये बहुत अच्छा निर्णय है…”