उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता (यूसीसी) रिपोर्ट शुक्रवार (12 जुलाई) को सार्वजनिक की जाएगी।। इस रिपोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भी बात की गई है। साथ ही जनसंख्या नियंत्रण का भी जिक्र किया गया है, लेकिन इसे यूसीसी में शामिल नहीं किया गया है। यूसीसी रिपोर्ट में गोद लेने के अधिकार का जिक्र तो है लेकिन कानून में शामिल नहीं किया गया है। खबरों के मुताबिक रिपोर्ट के वॉल्यूम 1 और वॉल्यूम 3 को सार्वजनिक किया जाएगा।
400 पन्नों की होगी यूसीसी रिपोर्ट
जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार यूसीसी रिपोर्ट के 400 पन्नों को सार्वजनिक करने जा रही है। यहां सबसे बड़ा सवाल जनसंख्या नियंत्रण का था, जिसका खूब जिक्र हुआ। लेकिन जब यूसीसी लागू किया गया था, तब इसमें इसका कोई जिक्र नहीं था। अब जब सरकार रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी, तो इस बात की भी जानकारी सामने आएगी कि आखिर क्यों जनसंख्या नियंत्रण को इसमें शामिल नहीं किया गया।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने 13 मार्च, 2024 को यूसीसी का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके साथ ही यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में यूसीसी को लागू कर दिया गया था। इसके साथ ही उत्तराखंड में शादी, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कानून पूरी तरह से बदल गए। वहीं इसी साल फरवरी के महीने में उत्तराखंड विधानसभा से समान नागरिकता संहिता को पास किया गया था।
प्रदेश के नागरिकों को मिलेंगे समान अधिकार- सीएम पुष्कर सिंह धामी
यूसीसी लागू होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि अब राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेंगे। उन्होंने कहा था, “हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखंड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।”
उन्होंने आगे कहा था, “निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी। प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में समान नागरिक संहिता अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”