ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) से खाना ऑर्डर करना अब ग्राहकों के लिए महंगा हो गया है। कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म चार्ज में 20% की बढ़ोतरी की है। पहले यह शुल्क ₹10 था, जो अब बढ़ाकर ₹12 कर दिया गया है।
यह नया शुल्क उन सभी शहरों में लागू है जहां Zomato अपनी सेवाएं देता है।
फीस क्यों बढ़ाई गई?
त्योहारी सीजन जैसे दीवाली, नवरात्रि और अन्य त्योहारों के दौरान फूड डिलीवरी की मांग में काफी बढ़ोतरी होती है।
- इस बढ़ती डिमांड को मैनेज करने के लिए कंपनी को अधिक डिलीवरी पार्टनर्स, टेक्नोलॉजी और ऑपरेशनल खर्च करना पड़ता है।
- खर्चों को संतुलित करने और सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
पिछली बढ़ोतरी पर नजर:
- पिछले साल: ₹6 से बढ़ाकर ₹10
- उससे पहले: ₹5 से बढ़ाकर ₹6
- इस बार: ₹10 से बढ़ाकर ₹12 (20% की वृद्धि)
Zomato का शेयर मार्केट परफॉर्मेंस
Zomato का शेयर हाल ही में स्थिर (₹323) कारोबार कर रहा है, लेकिन कंपनी का प्रदर्शन निवेशकों को आकर्षित कर रहा है:
- पिछले 6 महीने में 45% रिटर्न
- एक साल में 30% रिटर्न
- 2025 की शुरुआत से अब तक 17% रिटर्न
Zomato का सफर: एक स्टार्टअप से यूनिकॉर्न तक
- 2008: दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने FoodieBay नाम से रेस्टोरेंट डायरेक्टरी वेबसाइट लॉन्च की।
- 2010: कंपनी का नाम बदलकर Zomato कर दिया गया।
- 2012: श्रीलंका, UAE, कतर, दक्षिण अफ्रीका और UK जैसे देशों में अंतरराष्ट्रीय विस्तार।
- 2013: न्यूजीलैंड, तुर्की और ब्राजील में लॉन्च।
- 2024: पहली बार कंपनी ने ₹20 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया।
- 2022: ब्लिंकिट (Blinkit) का अधिग्रहण करके ग्रॉसरी डिलीवरी में भी एंट्री।
जोमैटो भारत का पहला फूड-टेक यूनिकॉर्न है, जिसकी वैल्यू 1 बिलियन डॉलर से अधिक है।
स्विगी ने भी बढ़ाया चार्ज
जोमैटो के बाद अब स्विगी ने भी अपने प्लेटफॉर्म चार्ज में बढ़ोतरी की है।
- पहले: ₹12
- अब: ₹14 (लगभग 17% की वृद्धि)
यह कदम फूड डिलीवरी इंडस्ट्री में बढ़ते खर्चों का संकेत है।
त्योहारी सीजन से पहले प्लेटफॉर्म फीस बढ़ने का असर सीधा ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा। हालांकि, कंपनियां इस कदम को बढ़ते खर्चों और बेहतर सेवाएं देने के लिए जरूरी बता रही हैं।
अब ग्राहक हर ऑर्डर पर ₹2 ज्यादा देंगे, लेकिन इस बढ़ोतरी से डिलीवरी की स्पीड और क्वालिटी पर असर देखने को मिल सकता है।