मणिपुर में मई 2023 में जातीय हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद से हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। अब, फरवरी 2025 में, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीति गर्मा गई है।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का इस्तीफा:
रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा। मणिपुर में इस समय भाजपा की सरकार है, और मुख्यमंत्री के इस्तीफे को लेकर पार्टी में बढ़ते मतभेद और तनाव को देखा जा रहा था। कुछ दिनों पहले, भाजपा के एक बड़े गुट ने सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दी थी, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई थी।
दिल्ली से लौटने के बाद दिया इस्तीफा:
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दिल्ली से लौटने के कुछ घंटों बाद ही अपना इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उनके इस्तीफे को स्वीकार करते हुए उनके और उनकी पूरी मंत्रिपरिषद का त्यागपत्र मंजूर किया। राज्यपाल ने उनसे अनुरोध किया कि वह नए नेतृत्व की व्यवस्था होने तक अपने पद पर बने रहें।
आंतरिक पार्टी गतिरोध और विपक्षी दबाव:
एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद कई कारणों का खुलासा हुआ। हाल ही में एक नया विवाद तब उत्पन्न हुआ था, जब उच्चतम न्यायालय ने जातीय हिंसा में मुख्यमंत्री की भूमिका पर सवाल उठाने वाली एक ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता को लेकर फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी। भाजपा सूत्रों के अनुसार, यह इस्तीफा कई महीनों की राजनीतिक उथल-पुथल और पार्टी के आंतरिक विवादों का परिणाम था।
मुख्यमंत्री का पत्र:
अपने इस्तीफे के पत्र में, एन बीरेन सिंह ने राज्यपाल से कहा, “मणिपुर के लोगों की सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात रही है। मैं केंद्र सरकार का आभारी हूं, जिसने राज्य के विकास कार्यों और विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन में समय पर सहयोग किया।”
अविश्वास प्रस्ताव की मांग:
सिंह ने शनिवार को भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों के साथ एक बैठक की थी। यह बैठक विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग के संदर्भ में आयोजित की गई थी। मणिपुर में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं, और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा जोरों पर है।
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