BY: MOHIT JAIN
अब UPI यूजर्स अपने बड़े लेन-देन को और आसानी से कर पाएंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) पेमेंट के लिए डेली लिमिट को बढ़ाकर ₹2 लाख से ₹10 लाख कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब आप बीमा प्रीमियम, म्यूचुअल फंड निवेश, लोन रीपेमेंट और क्रेडिट कार्ड बिल जैसी बड़ी राशि का भुगतान सीधे UPI के जरिए कर सकते हैं।
यह बदलाव सिर्फ P2M ट्रांजैक्शन के लिए है, यानी जब आप किसी व्यापारी या सेवा प्रदाता को सीधे पैसे भेजते हैं। वहीं पर्सन-टू-पर्सन (P2P) यानी किसी व्यक्ति को पैसे भेजने की लिमिट पहले की तरह ₹1 लाख ही रहेगी।
किन कैटेगरी में बढ़ी है लिमिट?
- ट्रैवल बुकिंग: अब फ्लाइट या ट्रेन की टिकट के लिए आप एक बार में ₹5 लाख और 24 घंटे में कुल ₹10 लाख तक का भुगतान कर सकते हैं।
- ज्वेलरी खरीद: प्रति ट्रांजैक्शन ₹2 लाख और 24 घंटे में कुल ₹6 लाख तक का भुगतान अब संभव है।
- लोन रीपेमेंट: लोन चुकाने के लिए प्रति ट्रांजैक्शन ₹5 लाख और 24 घंटे में ₹10 लाख तक का भुगतान किया जा सकता है।
- कैपिटल मार्केट: शेयर, म्यूचुअल फंड या अन्य निवेश के लिए एक बार में ₹5 लाख और पूरे दिन में ₹10 लाख तक का भुगतान संभव है।
- बीमा प्रीमियम: प्रति ट्रांजैक्शन ₹5 लाख और 24 घंटे में ₹10 लाख तक भुगतान किया जा सकेगा।
- क्रेडिट कार्ड बिल: प्रति ट्रांजैक्शन ₹5 लाख और 24 घंटे में कुल ₹6 लाख का भुगतान किया जा सकता है।
- डिजिटल अकाउंट ओपनिंग: शुरुआती फंड जमा करने के लिए प्रति ट्रांजैक्शन ₹5 लाख की लिमिट तय की गई है।
UPI लिमिट बढ़ने से यूजर्स को क्या लाभ मिलेगा?
इस नए फैसले से उन यूजर्स को सीधा फायदा होगा, जो अब तक बड़े भुगतान करने के लिए बैंक ट्रांसफर या नेट बैंकिंग का सहारा लेते थे। अब बीमा, म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड बिल या रियल एस्टेट जैसे बड़े लेन-देन सीधे UPI से आसानी से किए जा सकते हैं।
बैंक अपनी लिमिट तय कर सकते हैं
NPCI ने अधिकतम सीमा तय की है, लेकिन सदस्य बैंक अपने ग्राहकों के लिए आंतरिक लिमिट भी निर्धारित कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि बैंक अपनी नीति के अनुसार ग्राहकों को थोड़ी कम या ज्यादा सीमा दे सकते हैं।





