उत्तराखंड: आज एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ठीक पहले, आज दोपहर करीब 12:30 बजे इस ऐतिहासिक कानून की औपचारिक घोषणा की जाएगी। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह कानून पूरे राज्य में लागू होगा और उत्तराखंड के बाहर रहने वाले राज्य के नागरिकों पर भी प्रभावी रहेगा।

राज्य सचिवालय में होगा UCC पोर्टल का अनावरण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की अगुवाई करेंगे। कार्यक्रम के दौरान UCC पोर्टल का भी अनावरण किया जाएगा, जो इस कानून को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने इस निर्णय को सामाजिक समरसता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि UCC एक ऐसा कानून है, जो धर्म, जाति, लिंग या समुदाय के आधार पर होने वाले भेदभाव को समाप्त करेगा और समाज को एक समान आधार पर जोड़ने का काम करेगा।
UCC लागू करने की पूरी तैयारी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने UCC को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा, “2022 के विधानसभा चुनावों में हमने जनता से UCC लागू करने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद इसे प्राथमिकता दी गई। इसके लिए मसौदा तैयार किया गया, अधिनियम पास किया गया, और अब इसे औपचारिक रूप से लागू किया जा रहा है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सामंजस्यपूर्ण भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करेगा, जिसमें हर नागरिक को समान अधिकार मिलेंगे और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा।”
गोवा के बाद उत्तराखंड का ऐतिहासिक कदम
हालांकि गोवा में पहले से ही UCC लागू है, लेकिन वहां इसे पुर्तगाली सिविल कोड के तहत लागू किया गया था। उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य होगा। मुख्यमंत्री धामी ने इसे राज्य के लिए गर्व का क्षण और समाज के लिए नई दिशा बताया।
क्या है समान नागरिक संहिता (UCC)?
समान नागरिक संहिता (UCC) का मतलब है कि राज्य के सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेना, संपत्ति का बंटवारा और अन्य सिविल मामलों में एक समान कानून लागू होगा। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों और समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ की जगह एक समान प्रणाली स्थापित करना है। इसके तहत शादी और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
एक नई शुरुआत का प्रतीक
उत्तराखंड सरकार का यह फैसला राज्य के विकास और सामाजिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल राज्य के नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करेगा, बल्कि भारत में एक समान और समरस समाज की नींव को भी मजबूत करेगा।
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