डिंडोरी: जनजाति कल्याण केंद्र बरगांव में आज क्षेत्र की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय जनजाति सांस्कृतिक मेला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी कैबिनेट मंत्री श्रीमती सम्पतिया उईके एवं संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेंद्र सिंह लोधी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय विचारक राजकुमार मटाले, शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे, बांधवगढ़ विधायक शिव नारायण सिंह, शहडोल विधायक श्रीमती मनीषा सिंह, युवराजधर द्विवेदी, जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रेश परस्ते, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती ज्योतिप्रकाश धुर्वे, ब्रिगेडियर अवधेन्द्र प्रताप सिंह, पद्मश्री अर्जुन सिंह धुर्वे, मनोहर लाल साहू, हरिशंकर मरकाम, सुनील वाजपेयी, श्रीमती नंदनी मरावी, चमरू नेताम, श्याम शिवहरे, रत्नेश सोनकर, कलेक्टर हर्ष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्रीमती वाहनी सिंह, सीईओ जिला पंचायत अनील कुमार राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में डिंडोरी के अलावा मंडला, अनूपपुर, उमरिया, जबलपुर एवं अन्य जिलों से आये 87 दलों के लोककलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए, लोकनृत्य करमा, रीना, सैला, ददरिया, गेड़ी एवं गुदुम बाजा की रंगारंग प्रस्तुति देते हुए प्रतियोगिता में भाग लिया।

कैबिनेट मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्रीमती सम्पतिया उईके ने अपने सम्बोधन में कहा कि जनजाति कल्याण केंद्र बरगांव के माध्यम से आसपास क्षेत्र के 70 से अधिक गाँव के क बच्चे संस्कार के साथ अच्छी शिक्षा प्राप्त व कर रहे है, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात नी है। कार्यक्रम में 87 दलों ने लोक संस्कृति ना की जो प्रस्तुति दी है, वो क्षेत्र की प्रतिभा को ना प्रदर्शित करती है। हमारी संस्कृति, हमारी परम्परा, हमारे रीति रिवाज प्रकृति की बो उपासना करना सिखाते है। हमारी लोक संस्कृति में वर्णित 4 ऋऋतुओं के अनुसार लोकनृत्य और लोकगीत आयोजित किये जाते है, फसल का रोपा लागते समय रीना र्ष गीत गए जाते है, वहीं फसल के आने पर करमा, ददरिया, सैला नृत्य कर खुशहाली मानते है, यह हमारी परम्परा है। युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति को संजोकर रखना है, आज आयोजित कार्यक्रम हमें हमारे कर्तव्य को बताता है। कैबिनेट मंत्री श्रीमती उइके ने संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी से कार्यक्रम को राज्य स्तर पर आयोजित करने की बात कही। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी 87 दलों को 5001 की राशि का पुरुस्कार देने की घोषणा की l

राष्ट्रीय सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले प्रचारक ने अपने सम्बोधन में कहा कि लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आज आयोजित प्रतियोगिता से सामाजिक जागृति के लिए आवश्यक है। जनजाति कल्याण केंद्र पिछले 25 सालों से संस्कृति संरक्षण का कार्य कर रहा है, जो शारीरिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए तत्पर है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेंद्र सिंह लोधी ने अपने सम्बोधन में कहा कि केंद्र द्वारा संचालित प्रकल्प के माध्यम से स्वास्थ्य और शिक्षा में जो कार्य किये जा रहे है, केंद्र जनजाति समाज की प्रगति के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। संस्कृति को आगे बढ़ाने में हम सब की भूमिका होती है, इसे संरक्षित करने के लिए हमें सतत कार्य करना पड़ेगा। संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से बरगांव में 2 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी से कार्यक्रम को राज्य स्तर पर आयोजित करने की बात कही। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी 87 दलों को 5001 की राशि का पुरुस्कार देने की घोषणा की।
राष्ट्रीय विचारक राजकुमार मटाले ने अपने सम्बोधन में कहा कि लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आज आयोजित प्रतियोगिता से सामाजिक जागृति के लिए आवश्यक है। जनजाति कल्याण केंद्र पिछले 25 सालों से संस्कृति संरक्षण का कार्य कर ■रहा है, जो शारीरिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए तत्पर है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेंद्र सिंह लोधी ने अपने सम्बोधन में कहा कि केंद्र द्वारा संचालित प्रकल्प के माध्यम से स्वास्थ्य और शिक्षा में जो कार्य किये जा रहे है, केंद्र जनजाति समाज की प्रगति के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। संस्कृति को आगे बढ़ाने में हम सब की भूमिका होती है, इसे संरक्षित करने के लिए हमें सतत कार्य करना पड़ेगा। संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से बरगांव में 2 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
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