थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 1000 साल पुराने मंदिर विवाद ने एक बार फिर खूनी रूप ले लिया है। सीमा पर जारी झड़पों में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमला करने के आरोप लगाए हैं।
क्या हुआ अब तक? | ताज़ा घटनाक्रम
- कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, झड़प में 13 नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें 8 आम नागरिक और 5 सैनिक शामिल हैं।
- 71 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
- कंबोडिया ने थाईलैंड पर ग्रैड मिसाइलें दागने का आरोप लगाया।
- जवाब में थाईलैंड ने 8 जिलों में मार्शल लॉ लागू कर दिया है।
- कंबोडिया ने UN से तत्काल हस्तक्षेप और संघर्ष रोकने की अपील की है।
- थाईलैंड ने कहा कि वह भी बातचीत के लिए तैयार है, यदि कंबोडिया आक्रामकता रोके।
संघर्ष की 5 बड़ी घटनाएं
- थाई सेना ने कंबोडिया के हथियार डिपो पर हमला किया।
- कंबोडिया ने BM-21 रॉकेट से जवाबी हमला किया।
- थाईलैंड के सुरिन प्रांत में 8 साल के बच्चे की मौत गोलीबारी में हुई।
- सिसाकेट में पेट्रोल पंप से जुड़े स्टोर में धमाका।
- कंबोडियाई रॉकेटों से सीमा क्षेत्र में भारी नुकसान।
थाईलैंड ने लागू किया मार्शल लॉ | भारतीयों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी
थाईलैंड ने कंबोडिया से सटी सीमा के 8 जिलों में मार्शल लॉ घोषित किया है।
इनमें शामिल हैं:
- उबोन रत्चथानी
- सुरिन
- सिसाकेत
- बुरीराम
- सा काओ
- चंथाबुरी
- ट्राट
भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे इन इलाकों की यात्रा से बचें।
मंदिर विवाद की जड़ | क्यों लड़ते हैं थाईलैंड और कंबोडिया?
1. प्रीह विहियर (Preah Vihear) मंदिर विवाद
- 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना।
- 2008 में मंदिर को UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया गया, जिसके बाद विवाद और भड़का।
- 2013 में कोर्ट ने साफ किया कि मंदिर के आसपास का इलाका भी कंबोडिया का है।
2. ता मुएन थॉम (Ta Muen Thom) मंदिर विवाद
- यह मंदिर सीमा पर स्थित है और दोनों देश इस पर दावा करते हैं।
- थाईलैंड इसे अपनी जमीन पर बताता है, जबकि कंबोडिया इसे खमेर साम्राज्य का हिस्सा कहता है।
- यहां नियमित गश्त और झड़पें होती रहती हैं।
झगड़े की शुरुआत कैसे हुई?
- 28 मई को ‘एमरॉल्ड ट्राइएंगल’ पर दोनों देशों की सेनाएं भिड़ीं, जिसमें कंबोडियाई सैनिक की मौत हुई।
- 25 जुलाई को थाई सेना ने ता मुएन थॉम मंदिर के पास बाड़ लगाई और ड्रोन से निगरानी की।
- इसके बाद हवाई फायरिंग और मिसाइल हमले हुए।
सियासी हलचल | PM को गंवानी पड़ी कुर्सी
- थाई PM पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने कंबोडिया के नेता से बातचीत में अपनी सेना की आलोचना की।
- इस बयान के लीक होने के बाद देश में बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया।
- अंततः कोर्ट ने PM को पद से हटा दिया, हालांकि उन्होंने माफी मांगी थी।
क्या होगा आगे? | संघर्ष या समाधान?
दोनों देशों ने संघर्षविराम और बातचीत की इच्छा जताई है, लेकिन ज़मीन पर तनाव बरकरार है।
अगर UN या ASEAN जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन हस्तक्षेप नहीं करते, तो यह विवाद अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहा यह मंदिर विवाद सिर्फ ऐतिहासिक नहीं, राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से भी बेहद जटिल है।
ऐसे में युद्ध से बचने के लिए तत्काल संवाद और संयम ही एकमात्र रास्ता है।