तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में सोमवार को हुए भीषण फैक्ट्री विस्फोट में अब तक 34 मजदूरों की जान जा चुकी है। हादसा सिगाची इंडस्ट्रीज की एक दवा निर्माण इकाई में हुआ, जहां सुबह 8:15 से 9:30 बजे के बीच जोरदार धमाका हुआ।
हादसे की प्रमुख जानकारी:
- स्थान: सिगाची इंडस्ट्रीज, पाशमिलारम इंडस्ट्रियल एरिया, संगारेड्डी
- समय: 30 जून की सुबह, 8:15 से 9:30 बजे के बीच
- मृतक संख्या: कुल 34 (31 शव मलबे से मिले, 3 की अस्पताल में मौत)
- घायल: 30 से अधिक
- फैक्ट्री में मौजूद लोग: 50 से ज्यादा कर्मचारी उस समय फैक्ट्री में थे
कैसे हुआ हादसा? प्रत्यक्षदर्शियों की ज़ुबानी
एक मजदूर ने बताया कि वह सुबह 7 बजे नाइट शिफ्ट पूरी कर फैक्ट्री से निकला था। कुछ ही देर बाद तेज धमाके की आवाज आई। विस्फोट इतना भीषण था कि मजदूर 100 मीटर दूर तक उछलकर गिरे।
घटना के समय, फैक्ट्री की रिएक्टर यूनिट में रासायनिक प्रक्रिया चल रही थी, जो हादसे की वजह बनी।
महत्वपूर्ण प्रत्यक्षदर्शी तथ्य:
- फैक्ट्री में शिफ्ट शुरू होते ही मोबाइल जमा कर लिए जाते हैं, जिससे अंदर काम कर रहे कर्मचारियों की खबर नहीं मिल पाई।
- एक ही परिवार के चार सदस्य फैक्ट्री में काम कर रहे थे, जिनमें से तीन उस समय अंदर मौजूद थे।
राहत एवं बचाव कार्य: 11 फायर ब्रिगेड की टीमों ने पाया काबू
धमाके के बाद फैक्ट्री से गाढ़ा धुआं निकलता दिखा। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए 11 दमकल वाहन मौके पर पहुंचे और आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया।
प्रधानमंत्री राहत कोष से मुआवजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है।
सिगाची इंडस्ट्रीज: क्या बनती है इस फैक्ट्री में?
सिगाची इंडस्ट्रीज फार्मास्युटिकल पाउडर, खासतौर पर माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज (MCC) का निर्माण करती है। यह पाउडर दवा और कॉस्मेटिक उत्पादों में व्यापक रूप से इस्तेमाल होता है।
कंपनी की प्रमुख बातें:
- वर्ष 1989 में स्थापना
- पूरे भारत में 5 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स
- 65 से अधिक देशों में एक्सपोर्ट
- फैक्ट्री में 60+ मजदूर और 40 अन्य स्टाफ हर शिफ्ट में कार्यरत
शेयर बाजार पर असर: गिरा सिगाची इंडस्ट्रीज का शेयर
हादसे के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शेयर में 9.89% की गिरावट दर्ज की गई। शेयर की कीमत ₹49.72 प्रति शेयर पर आ गई।
सख्त सुरक्षा जांच की ज़रूरत
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर से औद्योगिक सुरक्षा मानकों की ओर ध्यान खींचा है। जहां एक ओर मुनाफा बढ़ाने की होड़ है, वहीं मजदूरों की सुरक्षा को लेकर ढिलाई घातक बन रही है। अब देखना होगा कि जांच रिपोर्ट में किन लापरवाहियों की पुष्टि होती है और भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।