अफगानिस्तान के तालिबानी शासन और पाकिस्तान के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है। अब तालिबान ने पाकिस्तान पर भारत के साथ हुए 1971 के युद्ध की हार को याद दिलाते हुए हमला बोला है। तालिबान सरकार ने कहा कि पाकिस्तान ने जब-जब किसी देश में घुसपैठ की कोशिश की, उसे मुंह की खानी पड़ी है।
दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तालिबान को लेकर सख्त बयान दिया था। उन्होंने कहा कि तालिबान को कुचले बिना पाकिस्तान आगे नहीं बढ़ सकता है। इस बीच पाकिस्तान में अफगानिस्तान के एक हिस्से वखान पर कब्जा करने की बात चल रही है, जिस पर तालिबान भड़का हुआ है। इतिहास के पन्नों में पाकिस्तान की सेना के नाम युद्ध में खराब रिकॉर्ड दर्ज है। भारत के साथ 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। पूर्वी पाकिस्तान हार गया था। उसके 93 हजार से अधिक सैनिकों को भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा था। ये आधुनिक इतिहास में सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था।
इस तरह से तालिबान ने पाकिस्तान को बड़ी धमकी दे डाली है कि अगर वह अफगानिस्तान में घुसपैठ या किसी हिस्से को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो वह उसकी बड़ी गलती होगी। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के राजनीतिक और सैन्य स्टेक होल्डर से एकजुट होने की अपील की थी। देश में बढ़ते सुरक्षा संकट से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया था।