BY: MOHIT JAIN
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कर्जदाताओं की वसूली क्षमता बढ़ाने के लिए एक नया नियम लाने पर विचार कर रहा है। इस नियम के लागू होने के बाद, जो लोग अपने फोन या इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद के लिए लिया गया लोन समय पर नहीं चुकाएंगे, उनके डिवाइस को कर्जदाता दूर से लॉक कर सकेंगे।
इस कदम का उद्देश्य कर्जदाताओं की पावर बढ़ाना और लोन रिकवरी को आसान बनाना है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कंज्यूमर अधिकारों पर भी असर पड़ सकता है।
EMI पर लोन लेने वाले कितने लोग चूकते हैं
होम क्रेडिट फाइनेंस के 2024 के अध्ययन के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स जैसे मोबाइल फोन को खरीदने वाले लोगों में से एक तिहाई से अधिक लोन पर खरीदते हैं।
क्रेडिट ब्यूरो CRIF हाईमार्क की रिपोर्ट बताती है कि 1 लाख रुपए से कम के छोटे लोन वाले सेगमेंट में EMI चुकाने में असफल होने वाले ग्राहकों की संख्या सबसे अधिक है। इसका मतलब है कि छोटे लोन वाले कंज्यूमर इस नियम से सीधे प्रभावित हो सकते हैं।
फोन लॉकिंग के नियम और सुरक्षा
RBI ने पिछले साल कर्जदाताओं से कहा था कि वे डिफॉल्ट उधारकर्ताओं के फोन को लॉक करने से पहले सावधानी बरतें। नए नियम के तहत, फोन लॉक करने के लिए लोन जारी करते समय उधारकर्ताओं के डिवाइस में एक ऐप इंस्टॉल किया जाएगा।
RBI के दिशानिर्देश इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि:
- कर्जदाता फोन लॉक करके लोन रिकवरी कर सकें।
- ग्राहक का डेटा सुरक्षित रहे।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, RBI के प्रवक्ता ने फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
किन कंपनियों को मिलेगा लाभ
अगर यह नियम लागू होता है, तो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के लिए लोन देने वाली कंपनियां जैसे कि:
- बजाज फाइनेंस
- डीएमआई फाइनेंस
- चोलमंडलम फाइनेंस
इन कंपनियों को लोन रिकवरी में मदद मिल सकती है। इससे उनका रिस्क कम होगा और डिफॉल्ट लोन रिकवर करने के चांस बढ़ेंगे।
RBI का यह नया नियम कर्जदाताओं की ताकत बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों और डेटा सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। इस नियम से इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर लोन लेने वाले ग्राहकों की जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी।





