छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आबकारी घोटाले के मामले में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां ईडी ने 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड की मांग की।
Contents
दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट का फैसला
- कोर्ट में ईडी और बचाव पक्ष के वकीलों के बीच लंबी बहस हुई।
- बहस खत्म होने के बाद ईडी की मांग को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड मंजूर की।
पप्पू बंसल के बयान पर हुई गिरफ्तारी
- ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल द्वारा दिए गए बयान के आधार पर की गई है।
- पप्पू बंसल ने बयान में दावा किया कि चैतन्य बघेल ने आबकारी घोटाले में 100 करोड़ रुपये के लेनदेन किए थे।
- इसके साथ ही, बंसल ने यह भी कहा कि सहेली ज्वेलर्स से चैतन्य ने करोड़ों रुपये लिए थे, जिसे ईडी ने अपनी जांच में गंभीर माना।
ईडी की जांच में चैतन्य बघेल मुख्य कड़ी
- ईडी ने दावा किया है कि चैतन्य बघेल आबकारी घोटाले की आर्थिक गतिविधियों में एक अहम भूमिका निभा रहे थे।
- जांच एजेंसी को शक है कि चैतन्य ने घोटाले की धनराशि को इधर-उधर करने और उसे वैध दिखाने में मदद की।
कांग्रेस का विरोध
- कांग्रेस ने चैतन्य की गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है।
- पार्टी नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है ताकि विपक्ष को दबाया जा सके।