वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई
रायगढ़, छत्तीसगढ़ – धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो नाबालिगों को वन्यप्राणी गोह (Bengal Monitor Lizard) के अवैध शिकार के आरोप में निरुद्ध किया गया है। यह कार्रवाई वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत की गई, जिसमें गोह को अनुसूची के संरक्षित प्रजातियों में शामिल किया गया है।
घटना धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के बायसी परिसर (कक्ष क्र. 369, आर.एफ. लांजानारा) की है। क्षेत्रीय वन अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा नियमित वन भ्रमण के दौरान दो नाबालिगों को गोह का शिकार कर उसे साल के झाड़ियों और पत्तों में छिपाते हुए पकड़ा गया। पूछताछ में दोनों अपचारी बालकों ने स्वीकार किया कि वे गोह को टांगी से मारकर खाने के उद्देश्य से घर ले जा रहे थे।
दोनों आरोपी क्रोन्धा थाना, तहसील धरमजयगढ़, जिला रायगढ़ के निवासी हैं। पूछताछ के दौरान उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि छह माह पूर्व भी उन्होंने एक और गोह का शिकार किया था।
वन विभाग ने इस अपराध को गंभीरता से लेते हुए तत्काल वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू की। आरोपियों से मृत गोह, शिकार में प्रयुक्त टांगी, और साल प्रजाति की टहनियाँ व पत्तियाँ जब्त की गईं। गोह का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सक, वनमंडलाधिकारी, उप वनमंडलाधिकारी और पंचों की उपस्थिति में कराया गया। इसके बाद विधिवत दाह संस्कार की प्रक्रिया संपन्न हुई।
दोनों नाबालिगों से पुनः पूछताछ कर बयान दर्ज किए गए और मेडिकल जांच के बाद उन्हें न्यायिक रिमांड पर किशोर न्याय बोर्ड रायगढ़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। मामले में आगे की जांच प्रक्रिया जारी है।
वन विभाग की चेतावनी:
वन विभाग ने चेतावनी दी है कि वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही या अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने आमजन से भी अपील की है कि वन्यप्राणियों के संरक्षण में सहयोग करें और इस प्रकार की घटनाओं की जानकारी तुरंत विभाग को दें।
यह घटना न केवल कानून के उल्लंघन का मामला है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भी एक गंभीर चेतावनी है।