‘मन की बात’ के 114वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी का जिक्र करते हुए कहा कि झांसी में कुछ महिलाओं ने घुरारी नदी को नया जीवन दिया है। ये महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं और उन्होनें ‘जल सहेली’ बनकर इस अभियान का नेतृत्व किया है।
नरेंद्र मोदी ने कहा, “त्योहारों के इस मौसम में आप फिर से अपना पुराना संकल्प भी जरूर दोहराइए…कुछ भी खरीदेंगे, वो ‘मेड इन इंडिया’ ही होना चाहिए, कुछ भी गिफ्ट देंगे, वो भी ‘मेड इन इंडिया’ ही होना चाहिए…
‘मन की बात’ के 114वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जब हमारे दृढ़ संकल्प के साथ सामूहिक भागीदारी का संगम होता है तो पूरे समाज के लिए अदभुत नतीजे सामने आते हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण है ‘एक पेड़ मां के नाम’- ये अभियान अदभुत अभियान रहा, जन-भागीदारी का ऐसा उदाहरण वाकई बहुत प्रेरित करने वाला है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू किए गए इस अभियान में देश के कोने-कोने में लोगों ने कमाल कर दिखाया है…”
‘मन की बात’ के 114वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमारी ‘संथाली’ भाषा को डिजिटल नवाचार की मदद से नई पहचान देने का अभियान शुरू किया गया है। संथाली, हमारे देश के कई राज्यों में रह रहे संथाल जनजातीय समुदाय के लोग बोलते हैं। भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में भी संथाली बोलने वाले आदिवासी समुदाय मौजूद हैं…”
‘मन की बात’ के 114वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पूरा अपनापन दिखाते हुए मुझे डेलावेयर में अपने निजी निवास पर इनमें से कुछ कलाकृतियां दिखाईं। लौटाई गई कलाकृतियां टेराकोटा, स्टोन, हाथी के दांत, लकड़ी, तांबे और कांस्य जैसी चीज़ों से बनी हुई हैं…”
मन की बात’ के 114वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सीमावर्ती गांव है ‘झाला’… यहां के युवाओं ने अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए एक खास पहल शुरू की है। वे अपने गांव में ‘धन्यवाद प्रकृति’ अभियान चला रहे हैं। इसके तहत गांव में रोजाना दो घंटे सफाई की जाती है। गांव की गलियों में बिखरे हुए कूड़े को समेटकर गांव के बाहर तय जगह पर डाला जाता है…”