by:vijay nandan
मेरे प्यारे देशवासियों,
बीते कुछ दिनों में हम सभी ने भारत का सामर्थ्य भी देखा है और उसका संयम भी। हमारी सेनाओं ने जो पराक्रम दिखाया है, जो संकल्प दिखाया है, वह हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। आज मैं इस शौर्य, पराक्रम और साहस को देश की हर मां, हर बहन और हर बेटी को समर्पित करता हूं।
मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, हमारे वैज्ञानिकों को, हर भारतवासी की ओर से सैल्यूट करता हूं।
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। छुट्टियां मना रहे निर्दोष मासूमों को उनके परिवार के सामने, बच्चों के सामने बेरहमी से मार डालना, यह आतंक का बहुत वीभत्स चेहरा था। मेरे लिए यह पीड़ा व्यक्तिगत रूप से बहुत बड़ी थी। आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था। इसलिए भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत उन आतंकियों के ठिकानों को उखाड़ फेंका।

हमारे वीर सैनिकों ने ऑपरेशन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता, साहस और पराक्रम को आज देश की हर माता-बहन और बेटी को समर्पित करता हूं।
जब हमारी सेना ने सीमापार जाकर आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया, तब पाकिस्तान ने आतंकवाद का साथ देते हुए हम पर हमला करने की कोशिश की। लेकिन हमने पाकिस्तान के सीने पर ऐसा वार किया, जिसे वह कभी भूल नहीं पाएगा। पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइलें भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया।
भारत ने पाकिस्तानी वायुसेना के उस एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर उन्हें बहुत घमंड था। ऑपरेशन के पहले तीन दिनों में ही हमने पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया कि वह बचने के रास्ते खोजने लगा। बुरी तरह पिटने के बाद 10 मई की दोपहर को पाकिस्तान की सेना ने हमारे डीजीएमओ से संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान पहुंचा चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था, आतंक के अड्डों को खंडहर बना दिया था।
पाकिस्तान ने हमारे गुरुद्वारों, घरों, मंदिरों और स्कूलों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी वह खुद बेनकाब हो गया। आतंक के अड्डों पर भारत के ड्रोन और मिसाइलों ने सटीक हमले किए। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया। इन हमलों में सौ से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया गया।
आतंक के बहुत सारे आका जो बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें कर रहे थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया। पाकिस्तान घोर निराशा, हताशा और बौखलाहट में आ गया था। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने की बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला किया।
ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में नई लकीर खींच दी है। यह नया न्यू नॉर्मल है:
- आतंकी हमला हुआ तो भारत मुंहतोड़ जवाब देगा। अपनी शर्तों पर, अपने तरीके से।
- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत बर्दाश्त नहीं करेगा।
- हम आतंक के आकाओं और उन्हें पालने वाले शासन को एक ही नजर से देखेंगे।
पाकिस्तानी सेना के अफसरों द्वारा मारे गए आतंकियों को सम्मान देने की तस्वीरें दुनिया ने देखीं। यह स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म का सबसे बड़ा सबूत है।
हमारी तीनों सेनाएं, बीएसएफ, अर्धसैनिक बल पूरी तरह अलर्ट पर हैं। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक के बाद ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति है। हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर की गई कार्रवाई को केवल स्थगित किया है, समाप्त नहीं। पाकिस्तान को आगे के हर कदम पर इस कसौटी पर मापा जाएगा कि वह क्या रवैया अपनाता है।
हमने आतंकियों को मिट्टी में मिलाने के लिए अपनी सेनाओं को पूरी छूट दी थी। आज हर आतंकी जान चुका है कि हमारी बहनों के माथे से सिंदूर उजाड़ने का अंजाम क्या होता है।
हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टेररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस ही एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।
पाकिस्तान की फौज और सरकार जिस तरह आतंक को खाद-पानी दे रही है, वह एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। अगर पाकिस्तान को बचना है तो उसे अपने टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। भारत का मत एकदम स्पष्ट है:
- टेरर और टॉक साथ नहीं चल सकते।
- टेरर और ट्रेड साथ नहीं चल सकते।
- पानी और खून साथ नहीं बह सकते।
विश्व समुदाय से मैं कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है कि अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो केवल टेरर पर होगी, और अगर बात होगी, तो पीओके पर होगी।
आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का मार्ग दिखाया है। लेकिन शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की ओर आगे बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत का सपना साकार कर सके—इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना आवश्यक है। और जरूरत पड़ी तो इस शक्ति का प्रयोग भी आवश्यक है।
मैं भारत की सेना और सशस्त्र बलों को एक बार फिर सैल्यूट करता हूं। हम भारतवासियों की एकजुटता, हौसले और संकल्प को नमन करता हूं।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
भारत माता की जय!
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