Mohit Jain
नक्सलियों की महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन के प्रवक्ता अनंत ने 1 जनवरी 2026 को किसी एक राज्य में मुख्यमंत्री या गृहमंत्री के सामने आत्मसमर्पण करने की घोषणा की है। पत्र में अनंत ने एमएमसी जोन के सभी नक्सलियों से एक साथ सशस्त्र संघर्ष को अस्थायी तौर पर रोककर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। उन्होंने नक्सलियों को टुकड़ों में आत्मसमर्पण न करने और एक साथ किसी एक राज्य में आत्मसमर्पण करने की समझाइश दी।

आत्मसमर्पण की शुरुआत
दरभा डिवीजनल कमेटी के प्रभारी चैतू ने अपने 10 साथियों के साथ जगदलपुर में आईजी सुंदरराज पी. के सामने आत्मसमर्पण किया।
30 नवंबर को बंद का ऐलान
नक्सली संगठन ने आंध्रप्रदेश में हुई मुठभेड़ में हिड़मा की मौत के विरोध में 30 नवंबर को बंद का ऐलान किया। बंद के दौरान आपातकालीन सेवाओं, एंबुलेंस और दूध गाड़ी को छूट देने की भी घोषणा की गई।
नए प्रवक्ता का नियुक्ति
दंडकारण्य जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने बताया कि हिड़मा की मौत के बाद मुठभेड़ में नारायणपुर के मारे गए दिलीप बेजरा की जगह दिलीप बेजरा को विकल्प के रूप में प्रवक्ता नियुक्त किया गया।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि माओवादी भ्रमजाल में फंसे लोग अब हिंसा छोड़कर विकास और मुख्यधारा की ओर लौट रहे हैं। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य चैतू उर्फ श्याम दादा समेत 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। मुख्यमंत्री ने सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को सुरक्षित और आत्मनिर्भर जीवन के लिए आवश्यक पुनर्वास सुविधाएं देने का आश्वासन दिया।
शांति और विकास की दिशा में बस्तर
बस्तर क्षेत्र तेजी से शांति, विश्वास और विकास की दिशा में बढ़ रहा है। आत्मसमर्पण की प्रक्रिया से नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास की नई उम्मीद जगी है।





