संवाददाता- प्रताप सिंह बघेल
murena news: मंडी प्रशासन द्वारा सड़क बंद करने की कार्रवाई उस समय विवाद का रूप ले बैठी, जब बुलडोजर सड़क पर पहुंचते ही स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया। मामला एक ऐसे रास्ते से जुड़ा है, जिसे कॉलोनीवासी पिछले करीब 40 वर्षों से आम आवागमन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि मंडी प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाते हुए बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए इस पुराने रास्ते को बंद करना चाहता है, जिससे हजारों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होगी।
जैसे ही बुलडोजर सड़क पर खड़ा किया गया, आसपास की कॉलोनियों के लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग सड़क पर जमा हो गए और धरना देकर नारेबाजी शुरू कर दी। आक्रोशित लोगों का कहना था कि यह रास्ता उनकी जीवनरेखा है। इसी रास्ते से बच्चे स्कूल जाते हैं, बुजुर्ग अस्पताल पहुंचते हैं और लोग बाजार तथा अन्य जरूरी कामों के लिए आवाजाही करते हैं। कॉलोनीवासियों ने साफ शब्दों में कहा कि वे जान दे सकते हैं, लेकिन 40 साल पुराने इस आम रास्ते को बंद नहीं होने देंगे।
स्थिति बिगड़ती देख मंडी प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। कर्मचारियों द्वारा रास्ता बंद करने की कोशिश के विरोध में लोग सड़क पर बैठ गए, जिससे यातायात भी प्रभावित हुआ। विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कॉलोनीवासी अपनी मांग पर अड़े रहे। उनका कहना था कि यह रास्ता किसी निजी उपयोग के लिए नहीं, बल्कि वर्षों से सार्वजनिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मार्ग सिद्ध नगर 12 फुटा हनुमान कॉलोनी और वार्ड क्रमांक 14 के निवासियों के लिए बेहद जरूरी है। इसी रास्ते से प्रतिदिन हजारों लोग मंडी, बाजार और अन्य क्षेत्रों में आते-जाते हैं। यदि इसे बंद कर दिया गया तो न केवल समय और दूरी बढ़ेगी, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। लोगों ने यह भी कहा कि बिना जनसुनवाई और पूर्व सूचना के इस तरह की कार्रवाई करना पूरी तरह अनुचित है।
कॉलोनीवासियों के कड़े विरोध को देखते हुए आखिरकार मंडी प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। कर्मचारी बुलडोजर और जेसीबी मशीन लेकर वापस लौट गए और फिलहाल बाउंड्री वॉल निर्माण का काम रोक दिया गया। प्रशासन के इस कदम से लोगों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली, हालांकि उन्होंने साफ किया कि जब तक स्थायी समाधान नहीं निकलता, वे सतर्क रहेंगे।
वार्ड पार्षद और मंडी सचिव के बीच बातचीत, बनी सहमति
विरोध प्रदर्शन के दौरान वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद युवराज डंडोतिया, भवूति सिंह और अन्य स्थानीय प्रतिनिधियों ने मंडी सचिव के साथ बैठक की। करीब 20 मिनट तक चली इस चर्चा में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी। मंडी प्रशासन का कहना था कि सुरक्षा कारणों से मंडी परिसर के भीतर से गुजरने वाले अवैध रास्तों को बंद किया जा रहा है। वहीं, स्थानीय लोगों ने स्पष्ट किया कि इस रास्ते से न तो किसी प्रकार की सुरक्षा समस्या है और न ही मंडी संचालन में कोई बाधा आती है।
बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि रास्ते के माध्यम से कुछ पशुपालक मंडी परिसर में गोबर फेंक देते हैं, जिससे गंदगी फैलती है। इस पर वार्ड पार्षद ने आश्वासन दिया कि वे पशुपालकों को समझाएंगे और इस समस्या का समाधान कराया जाएगा। इसके बाद मंडी सचिव ने भी बाउंड्री निर्माण का काम फिलहाल रोकने पर सहमति जताई।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि किसी भी सार्वजनिक रास्ते को बंद करने से पहले प्रशासन को स्थानीय लोगों से संवाद और वैकल्पिक व्यवस्था पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। फिलहाल कॉलोनीवासी सतर्क हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी वर्षों पुरानी राह सुरक्षित रहेगी।





