संवाददाता- प्रताप सिंह बघेल
Murena: चम्बल क्षेत्र में रेत माफिया पर शिकंजा कसने के लिए फ़ॉरेस्ट विभाग लगातार अभियान चला रहा है। इसी के तहत आज तड़के राजघाट पुल के पास फ़ॉरेस्ट विभाग की टीम ने छापेमारी कर एक ट्रैक्टर–ट्रॉली को पकड़ लिया, जो अवैध रूप से चम्बल से रेत भरकर बाजार में सप्लाई की जा रही थी। इस कार्रवाई के दौरान चार अन्य ट्रैक्टर–ट्रॉली के चालक रेत खाली कर मौके से फरार हो गए।
आज सुबह देवरी घड़ियाल सेंचुरी की टीम नियमित गश्त पर निकली थी। टीम का नेतृत्व अधीक्षक श्याम सिंह चौहान कर रहे थे, जिनके साथ गेम रेंजर रिकी आर्य और अंबाह गेम रेंज का पूरा स्टाफ मौजूद था। यह टीम जैसे ही राजघाट पुल के निकट पहुंची, उन्हें सड़क किनारे एक लाइन में चार से पांच ट्रैक्टर–ट्रॉली खड़ी दिखाई दीं। सभी ट्रॉली चम्बल से लाई गई अवैध रेत से भरी हुई थीं।
फ़ॉरेस्ट विभाग की गाड़ियों को देखते ही रेत माफिया में अफरा–तफरी मच गई। चालक तेजी से ट्रैक्टर–ट्रॉली को खाली छोड़कर भागने लगे। कुछ ने ट्रॉली को किनारे कर रेत गिरा दी और वाहन को लेकर खेतों की ओर निकल गए। वहीं, विभाग की टीम ने तुरंत एक ट्रैक्टर–ट्रॉली का पीछा कर उसे कब्ज़े में ले लिया। यह ट्रॉली भरपूर रेत से लदी थी और उसे सीधे धौलपुर पुलिस लाइन में सुरक्षित रखवाया गया है।
घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार यह ट्रैक्टर–ट्रॉली अवैध उत्खनन कराई गई रेत को शहर के बाजारों में बेचने ले जाई जा रही थी। प्राथमिक जांच में पता चला कि यह रेत चम्बल नदी के संरक्षित हिस्से से निकाली गई थी, जहां उत्खनन पूर्णत: प्रतिबंधित है। इसके बावजूद बीते कुछ समय से यहां रेत माफियाओं की गतिविधियाँ बढ़ी हैं। विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि रात और सुबह के समय अवैध उत्खनन कर ट्रैक्टर–ट्रॉली के माध्यम से रेत की सप्लाई की जा रही है।
कार्यवाही के दौरान टीम के साथ एसएएफ के जवान भी तैनात थे, ताकि किसी भी प्रकार की आक्रामक प्रतिक्रिया या हमले की स्थिति में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कई बार अवैध रेत खनन रोकने पर विभागीय टीमों पर हमला करने के मामले सामने आ चुके हैं, ऐसे में सुरक्षा बलों की मौजूदगी आवश्यक मानी जाती है।
अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। अवैध खनन में लिप्त लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही बड़े स्तर पर और छापे मारे जाएंगे। टीम द्वारा मौके से मिले वाहन नंबरों के आधार पर फरार ट्रैक्टर–ट्रॉली मालिकों और चालकों पर भी मामला दर्ज किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार यह पूरा रैकेट लंबे समय से सक्रिय है और स्थानीय स्तर पर कुछ लोगों का संरक्षण भी प्राप्त है। इसीलिए विभाग ने अब लगातार निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है।
स्थानीय लोगों ने विभाग की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अवैध रेत उत्खनन से चम्बल की पारिस्थितिकी को भारी नुकसान हो रहा है। नदी का प्राकृतिक प्रवाह प्रभावित हो रहा है और कई बार पुल और सड़कें भी जोखिम में पड़ जाती हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि चम्बल घड़ियाल संरक्षण क्षेत्र होने के कारण यह इलाका बेहद संवेदनशील है। यहां खनन की किसी भी गतिविधि से घड़ियालों, कछुओं और डॉल्फ़िन जैसे दुर्लभ जीवों के अस्तित्व पर खतरा बढ़ जाता है।
फ़ॉरेस्ट विभाग ने कहा है कि जब तक इस पूरे रैकेट का सफाया नहीं किया जाता, तब तक ऐसी गश्त और दबिश लगातार जारी रहेंगी। विभाग ने जनता से भी अपील की कि कहीं भी अवैध खनन या रेत परिवहन की गतिविधि दिखाई दे तो उसकी जानकारी तुरंत दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
इस पूरे प्रकरण में एक ट्रैक्टर–ट्रॉली की जब्ती माफियाओं के लिए चेतावनी है कि विभाग अब किसी भी हालत में अवैध खनन बर्दाश्त नहीं करेगा। आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई होने की भी संभावना जताई जा रही है।





