Isa Ahmad
REPORT- DANVEER SINGH
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय आज मुरादाबाद पहुंचे, जहां उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया के दौरान आत्महत्या करने वाले बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) सर्वेश सिंह के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी।
बता दें कि कुछ दिन पहले भोजपुर थाना क्षेत्र के बहेड़ी गांव निवासी बीएलओ सर्वेश सिंह ने कथित तौर पर काम के बढ़ते दबाव के चलते आत्महत्या कर ली थी। घटना से पूर्व उन्होंने एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था, जिसमें वह अपनी मां और पत्नी से माफी मांगते हुए कह रहे थे कि काश वह इस कार्य में निपुण हो पाते। इस घटना ने पूरे मुरादाबाद प्रशासन को झकझोर दिया था।
इसी बीच मुरादाबाद की एक अन्य बीएलओ आभा सोलोमन ड्यूटी के दौरान अचानक बेहोश हो गई थीं। उन्हें ब्रेन हेमरेज होने के बाद गंभीर स्थिति में वेंटिलेटर पर रखा गया है। इन दोनों घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल उठा रहा है।
अजय राय ने आभा सोलोमन और सर्वेश सिंह के परिवार से की मुलाकात
मुरादाबाद पहुंचकर अजय राय सबसे पहले बीमार बीएलओ आभा सोलोमन के घर गए और उनके परिजनों से हालचाल जाना। उन्होंने परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद वे अस्पताल पहुंचकर आभा का स्वास्थ्य अपडेट भी लिया।
इसके पश्चात अजय राय आत्महत्या करने वाले बीएलओ सर्वेश सिंह के घर पहुंचे। यहां उन्होंने शोकाकुल परिवार से संवेदना व्यक्त की और कांग्रेस की ओर से हर स्तर पर सहयोग का भरोसा दिया।
सरकार पर निशाना
मीडिया से बातचीत में अजय राय ने कहा कि
“आज सरकारी कर्मचारी होना भी गुनाह हो गया है। बीएलओ पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है और इसी कारण इस तरह की घटनाएँ सामने आ रही हैं। सरकार अंधी और बहरी हो गई है।”
उन्होंने मांग की कि—
- मृतक बीएलओ सर्वेश सिंह की पत्नी को शिक्षण कार्य में नौकरी दी जाए
- परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए
- बच्चों की शिक्षा का उचित प्रबंध किया जाए
अजय राय ने कहा कि मृतक की पत्नी एमए और बीएड पास हैं, ऐसे में उन्हें चौथी श्रेणी की नौकरी देने की बात करना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान शासन में कर्मचारी लगातार दबाव और असुरक्षा झेल रहे हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस पार्टी सर्वेश सिंह के परिवार के लिए कोई विशेष सहायता की घोषणा करेगी, तो उन्होंने कहा कि
“कांग्रेस का हर कार्यकर्ता दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़ा है।”
मुरादाबाद की इन दोनों घटनाओं ने शासन-प्रशासन में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा और कामकाज के बोझ को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।





