सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक नई स्थिति उत्पन्न हो गई है। खबरों के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केस चलाने पर मुहर लगा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 फरवरी को राष्ट्रपति से इस मामले में मंजूरी मांगी थी, जिसके बाद अब जांच में तेज़ी आ सकती है।
सत्येंद्र जैन के खिलाफ यह केस BNS की धारा 218 के तहत चलेगा। सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जैन को गिरफ्तार करने की तैयारी शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय ने ED की जांच के आधार पर और पर्याप्त सबूत होने के बाद राष्ट्रपति से मंजूरी ली थी। जब यह मामला सत्येंद्र जैन के खिलाफ दर्ज हुआ था, उस समय वे दिल्ली विधानसभा के सदस्य थे, इसलिए BNS की धारा 218 के तहत केस चलाने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी आवश्यक थी।
मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
ED ने सत्येंद्र जैन पर 4 फर्जी कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। आरोप है कि जैन ने इन कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की और इससे अर्जित पैसे का इस्तेमाल 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक विभिन्न संपत्तियां खरीदने में किया। इन कंपनियों ने हवाला के जरिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को कैश ट्रांसफर के बदले 4.81 करोड़ रुपये हासिल किए थे।
CBI की जांच और ED की कार्रवाई
इस मामले में CBI ने 2017 में मामला दर्ज किया था, जिसके बाद ED की जांच शुरू हुई। ED ने 30 मई 2022 को सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। इसके बाद वे 18 महीने तक जेल में रहे, लेकिन अक्टूबर 2024 में उन्हें जमानत मिल गई थी।
परिवार भी जांच के दायरे में
सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी जांच जारी है। इनके खिलाफ भी कई आरोप लगाए गए हैं और वे भी इस मामले में फंस सकते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि ED इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करता है और सत्येंद्र जैन पर गिरफ्तारी की तलवार कब गिरेगी।