Report: Rajesh
Mandaleshwar news: सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर ग्रामीण युवाओं की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। खरगोन-बड़वानी सांसद का खास बताकर और सहकारिता विभाग में ऊंची पकड़ का हवाला देकर एक जालसाज ने दर्जनों युवाओं को लाखों की चपत लगा दी। ठगी का शिकार हुए युवाओं का सब्र जब शुक्रवार को टूट गया, तो वे मंडलेश्वर थाने पहुंचे और आरोपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पीड़ितों ने पुलिस को डिजिटल ट्रांजेक्शन के पुख्ता सबूत भी सौंपे हैं।
’आधा पैसा एडवांस, बाकी जॉइनिंग के बाद’ की रेट लिस्ट
महेश्वर के ग्राम छोटी खरगोन निवासी अजय पिता हरिराम मंसौरे ने युवाओं को ठगने के लिए एक सुनियोजित स्क्रिप्ट तैयार की थी। आरोपी खुद को बड़े सफेदपोश नेताओं का करीबी बताकर बड़वाह, कसरावद और महेश्वर के युवाओं को जाल में फंसाता था। उसने बकायदा एक ‘रेट लिस्ट’ तय कर रखी थी, जिसमें वह आधे पैसे एडवांस और बाकी जॉइनिंग के बाद लेने का दावा करता था। युवाओं को यकीन दिलाने के लिए उसने अधिकतर राशि ‘PhonePe’ के जरिए ट्रांसफर करवाई।
8 महीने का इंतजार, फिर शुरू हुआ धमकियों का दौर
पीड़ित युवाओं ने बताया कि उन्होंने कर्ज और ब्याज पर पैसे लेकर आरोपी को दिए थे। अजय पिछले 8 महीनों से दिल्ली और भोपाल में ‘फाइल पेंडिंग’ होने का बहाना बनाकर उन्हें टालता रहा। हाल ही में जब खुशबू और अन्य पीड़ितों ने अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने पैसे लौटाने के बजाय उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देना शुरू कर दिया।
इन युवाओं को बनाया शिकार
पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने अलग-अलग किस्तों में राशि वसूली है। शिकायत के अनुसार
अरुण धारवे 1,00,000 रुपए
अंकित नामदेव 32,000 रुपए
ओम भालसे, दीपक मिश्रा, शाहरुख खान 30,000-30,000 रुपए
जगन्नाथ और योगेश सावले 25,000-25,000 रुपए
बड़ा सवाल , आखिर ठग के पास सांसद का नाम लेने की हिम्मत कहां से आई?
युवाओं का आरोप है कि अजय अक्सर बड़े नेताओं के साथ अपनी तस्वीरों और नजदीकी का बखान करता था। अब पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह सिर्फ एक युवक की धोखाधड़ी है या इसके पीछे कोई बड़ा ‘जॉब सिंडिकेट’ सक्रिय है।
ठगी की पूरी कुंडली
ठग ने महेश्वर, बड़वाह और कसरावद के ग्रामीण शिक्षित बेरोजगार से राशी ली ।
ठग ने सांसद के नाम का दुरुपयोग और सरकारी विभाग का फर्जी रौब दिखाया ।
और पीड़ितों को सहकारिता विभाग में सीधी भर्ती का झांसा दिया।
पीड़ितों ने पुलिस को आवेदन के साथ बैंक स्टेटमेंट, व्हाट्सएप चैट और फोन-पे हिस्ट्री भी दी है।
“अजय मंसोरे से जब हमारे प्रतिनिधि ने बात की तो अजय ने बताया की मेने सभी से पर्सनल लेनदेन जरूर हुआ है। मुझे पैसे की आवश्यकता थी। तो सभी से तीन चार लाख का लेनदेन हुआ है । पर मेरे द्वारा किसी को भी नोकरी लगवाने या कोई जनप्रतिनिधियों के नाम पर कोई राशि नही ली गई। जो लेनदेन हुआ पर्सनल हुआ।”
“युवाओं की शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा। यदि जनप्रतिनिधियों के नाम का उपयोग कर धोखाधड़ी करना एक गंभीर अपराध है। आरोपी के बैंक खातों की भी सीघ्र जांच की जाएगी सभी तकनीकी साक्ष्य जुटाए जाएंगे जल्द ही आरोपी से पूछताछ की जाएगी ” शिकायत सही पाई जाती है। तो नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाएगी।





