BY: Yoganand Shrivastva
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए ‘UMEED’ पोर्टल की शुरुआत की है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश भर की वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड एकीकृत किया जाएगा और छह महीने के भीतर इनका पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
क्या है UMEED पोर्टल?
‘UMEED’ का पूरा नाम है Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development. इसे वक्फ अधिनियम 1995 के तहत विकसित किया गया है और इसका उद्देश्य देशभर की वक्फ संपत्तियों को एक डिजिटल मंच पर लाना है, जिससे पारदर्शिता, जवाबदेही और सुव्यवस्थित प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।
वेरिफिकेशन प्रक्रिया होगी तीन चरणों में
इस पोर्टल पर संपत्ति पंजीकरण और सत्यापन की प्रक्रिया को तीन स्तरों में बांटा गया है:
- मेकर: वक्फ संपत्ति के मुतावल्ली यानी ट्रस्टी को मेकर की भूमिका दी गई है, जिसे संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश का वक्फ बोर्ड नियुक्त करेगा।
- चेकर: जिला स्तर के अधिकारी चेकर की भूमिका निभाएंगे। ये अधिकारी वक्फ बोर्ड द्वारा अधिकृत होंगे और आवेदन की प्रारंभिक जांच करेंगे।
- अप्रूवल: अंतिम अनुमोदन वक्फ बोर्ड के CEO या अधिकृत अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के ज़रिए वेरिफिकेशन भी आवश्यक होगा।
हजारों ज़िंदगियों को होगा लाभ: रिजिजू
लॉन्च के मौके पर मंत्री किरन रिजिजू ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा, “मैं इस पोर्टल की शुरुआत पर सभी वक्फ से जुड़े लोगों को बधाई देता हूं। यह केवल तकनीकी पहल नहीं है बल्कि यह हज़ारों लोगों की ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव लाएगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कानून संसद के दोनों सदनों में चर्चा के बाद पारित हुआ है और इसे तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है।
6 महीनों में पूरी होनी है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
रिजिजू ने बताया कि अगले छह महीनों में देशभर की सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण पूरा करना अनिवार्य है। देश में करीब 9 लाख वक्फ संपत्तियाँ हैं और इस प्रक्रिया से उनका डिजिटलीकरण सुनिश्चित होगा।
महिलाओं और अनाथ मुस्लिम बच्चों को होगा विशेष लाभ
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस पहल से खासकर मुस्लिम महिलाओं और अनाथ बच्चों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। उन्होंने सभी राज्य सरकारों और राज्य वक्फ बोर्डों से अनुरोध किया कि वे समयबद्ध तरीके से इस प्रक्रिया को पूरा करें।
रिजिजू ने यह भी उल्लेख किया कि “दुनिया में सबसे अधिक वक्फ संपत्तियाँ भारत में हैं, और यह कदम इन्हें संरक्षित और जनहित में प्रयोग योग्य बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।