रिपोर्टर:प्रशांत जोशी
कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में दूध नदी के किनारे बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाई जा रही रिटर्निंग वॉल का निर्माण कार्य अब भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के कारण विवादों में घिर गया है। जहां जनता भारी बारिश से डरी हुई है, वहीं संबंधित ठेकेदार और अधिकारी भ्रष्टाचार में मस्त नजर आ रहे हैं।
निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप
सूत्रों के अनुसार, कांकेर में दो साल से अधिक समय से रिटर्निंग वॉल और पाथवे का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन इसमें कई तरह की गड़बड़ियों की चर्चा जोरों पर है:
- निर्माण की ड्राइंग और डिज़ाइन में मनमाना बदलाव
- निर्धारित मानकों की अनदेखी
- घटिया सामग्री का उपयोग
- ठेकेदार और अधिकारियों के बीच मिलीभगत
जनता का आरोप है कि यह परियोजना सुरक्षा से ज्यादा भ्रष्टाचार का साधन बन गई है।

छोटे व्यापारियों और गरीबों पर पड़ा असर
रिटर्निंग वॉल निर्माण के लिए पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में कई दुकानों और मकानों को तोड़ा गया, जिससे:
- सैकड़ों छोटे व्यवसायियों और मजदूरों का रोजगार छिन गया
- शासन की नजूल भूमि योजना के बावजूद लोगों को पुनर्वास नहीं मिला
- अवैध वसूली कर चहेते व्यापारियों को दुकानें दी गईं
न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना
पूर्व नगर पालिका प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी करते हुए:
- तीन व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाए
- बिना अनुमति के शासकीय शौचालय को तोड़ा
- राजस्व हानि पहुंचाई गई
लिखित शिकायतों को भी नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे जनता का भरोसा टूटता जा रहा है।
सिर्फ 35% कार्य पूरा, बारिश ने बढ़ाई चिंता
हालात ये हैं कि:
- करीब ₹25 करोड़ की लागत से बनने वाला यह रिटर्निंग वॉल प्रोजेक्ट अब तक सिर्फ 30-35% ही पूरा हो पाया है
- मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है
- व्यापारी और नागरिक बाढ़ की आशंका से डरे हुए हैं
रिटर्निंग वॉल की जगह पिचिंग का सुझाव
विशेषज्ञों का कहना है कि:
- आमतौर पर नदी कटाव रोकने के लिए पिचिंग कार्य होता है, जो कम लागत में बेहतर होता
- रिटर्निंग वॉल से ज्यादा भ्रष्टाचार की गुंजाइश थी, इसलिए उसे चुना गया
विकास की आड़ में लूट
कांकेर में दूध नदी पर बन रही रिटर्निंग वॉल एक जन-हितैषी योजना होनी चाहिए थी, लेकिन यह अब एक भ्रष्टाचार घोटाले की मिसाल बनती जा रही है। शासन-प्रशासन की लापरवाही और ठेकेदारों की चालाकी ने जनता की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।