लखनऊ: जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भारतीय न्याय संहिता 2023 को लेकर एक कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया है, जिससे विवाद खड़ा हो सकता है। यह कार्यक्रम जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया था, जिसमें विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह और कई विधायकों ने भी हिस्सा लिया।
गोष्ठी में रखे गए विचार
गोष्ठी में नए कानूनों पर चर्चा की गई, जहां कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इसी दौरान पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने न्याय व्यवस्था और मनु स्मृति को लेकर टिप्पणी की, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन सकती है।
क्या बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य?
गोष्ठी में संबोधन के दौरान उन्होंने कहा,
“मनु महाराज से लेकर ऋषियों तक की परंपरा न्याय देने की रही है। लेकिन मनु को गाली देने वालों को मैं क्या कहूं? बहन कहने में संकोच लग रहा। मनु को गाली देने की शुरुआत मायावती ने की, लेकिन उन्हें मनुस्मृति के एक भी अक्षर का ज्ञान नहीं है।”
बयान से बढ़ सकती है राजनीति गरमाहट
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के इस बयान के बाद राजनीतिक बहस छिड़ सकती है। मायावती और उनके समर्थक इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
इस बयान पर बसपा और अन्य राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। देखना होगा कि इस पर क्या राजनीतिक बयानबाजी होती है और सरकार या संबंधित पक्ष क्या रुख अपनाते हैं।