BY: Yoganand Shrivastava
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों में हालिया घटनाक्रम के चलते समुद्री मोर्चे पर भी हलचल तेज होती दिख रही है। ताजा जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी नौसेना ने दावा किया है कि उसने भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक निगरानी विमान P-8I को अरब सागर में ट्रैक किया है। हालांकि, इस विमान की स्थिति या उड़ान पथ को लेकर कोई स्पष्ट विवरण साझा नहीं किया गया है।
P-8I विमान: भारतीय नौसेना की समुद्री निगरानी में अहम भूमिका
भारतीय नौसेना के P-8I टोही विमान, जिसे बोइंग कंपनी ने विकसित किया है, को समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इस विमान को अक्सर “समुद्री आकाश की आंख” कहा जाता है क्योंकि यह सतह और पनडुब्बी गतिविधियों की उच्च सटीकता से निगरानी करने में सक्षम है।
P-8I विमान का इस्तेमाल गहरे समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों को ट्रैक करने, रणनीतिक निगरानी और खुफिया जानकारी एकत्र करने में किया जाता है। इसमें उन्नत सेंसर, रडार और लॉन्ग-रेंज ऑपरेटिंग क्षमता होती है, जिससे यह विमान भारत की समुद्री सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।
रणनीतिक महत्व और सुरक्षा पर प्रभाव
पाकिस्तानी सेना द्वारा इस विमान की मौजूदगी को लेकर जताई गई चिंता दर्शाती है कि मौजूदा सीमा विवाद का प्रभाव अब समुद्री सीमाओं तक फैल गया है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। ऐसे में किसी भी सैन्य गतिविधि को दोनों पक्ष गंभीरता से ले रहे हैं।
हालांकि भारतीय नौसेना की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि P-8I जैसे टोही विमानों की नियमित तैनाती भारत की समुद्री रणनीति का हिस्सा है, खासकर जब सुरक्षा हालात संवेदनशील हों।
अरब सागर में भारतीय निगरानी विमान की मौजूदगी और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया, दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की ओर इशारा करती है। ऐसे समय में यह आवश्यक है कि दोनों पक्ष संयम बरतें और कोई भी सैन्य कार्रवाई सोच-समझकर की जाए, ताकि क्षेत्रीय स्थिरता बनी रहे।