भारत में जब भी वायु प्रदूषण की बात होती है, तो सबसे पहले दिल्ली का नाम लिया जाता है। लेकिन इस बार स्थिति बदल गई है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की नई रिपोर्ट के अनुसार, मेघालय का बर्नीहाट शहर अब भारत का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जबकि दिल्ली दूसरे स्थान पर खिसक गई है।
यह चौंकाने वाला बदलाव सिर्फ आंकड़ों में नहीं, बल्कि ज़मीन पर लोगों के स्वास्थ्य और जीवन पर असर डाल रहा है।
CREA रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ?
CREA ने जनवरी से जून 2025 के बीच भारत के शहरों की वायु गुणवत्ता की जांच की। रिपोर्ट में बर्नीहाट की स्थिति सबसे चिंताजनक बताई गई:
- PM2.5 की औसत सांद्रता:
- बर्नीहाट: 133 µg/m³
- दिल्ली: 87 µg/m³
- भारत का सबसे स्वच्छ शहर: मिज़ोरम
इस डेटा से साफ है कि बर्नीहाट की हवा दिल्ली से कहीं अधिक ज़हरीली हो चुकी है।
बर्नीहाट में प्रदूषण की बड़ी वजहें
बर्नीहाट, असम और मेघालय की सीमा पर स्थित एक प्रमुख औद्योगिक शहर है। यहां के प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण हैं:
1. तेज़ औद्योगिकीकरण
- लोहा-इस्पात संयंत्र
- डिस्टिलरी और सीमेंट फैक्ट्रियां
- पेय पदार्थ उत्पादन इकाइयां
इन सभी से निकलने वाली गैसें हवा में भारी मात्रा में प्रदूषक कण घोलती हैं।
2. अनियमित उत्सर्जन नियंत्रण
- फैक्ट्रियों पर पर्यावरण मानकों की निगरानी नहीं
- सरकारी एजेंसियों की लापरवाही
3. भारी ट्रक यातायात
- असम-मेघालय के बीच लगातार ट्रकों की आवाजाही
- वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण को और बढ़ाता है
स्थानीय विरोध और सरकारी कार्रवाई
प्रदूषण की मार झेल रहे स्थानीय लोगों ने जनवरी में विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद:
- सरकार ने औचक निरीक्षण किया
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लापरवाह उद्योगों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया
दिल्ली में कैसे हुआ सुधार?
CREA रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया। इससे वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि केवल वाहनों पर ध्यान देना काफी नहीं है:
- उद्योगों, निर्माण और धूल के अन्य स्रोतों पर भी नियंत्रण ज़रूरी है।
अन्य शहर जो प्रदूषित सूची में शामिल हैं
बर्नीहाट और दिल्ली के अलावा कई अन्य शहर भी वायु प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं:
राज्य | शहर |
---|---|
बिहार | हाजीपुर, पटना, राजगीर, सासाराम |
उत्तर प्रदेश | गाज़ियाबाद |
हरियाणा | गुरुग्राम |
ओडिशा | तलचर, राउरकेला |
हरियाली से जहरीली हवा तक
बर्नीहाट कभी एक शांत, हरियाली से भरपूर इलाका हुआ करता था, लेकिन आज वह प्रदूषण का केंद्र बन चुका है। यह बदलाव केवल एक शहर की कहानी नहीं है, बल्कि यह बताता है कि भारत में बिना पर्यावरणीय संतुलन के औद्योगीकरण कैसे विनाशकारी रूप ले सकता है।
अब समय आ गया है कि सरकारें और आम लोग मिलकर प्रदूषण के खिलाफ निर्णायक कदम उठाएं, वरना अगला नंबर आपके शहर का हो सकता है।