छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध लोक‑कृषि पर्व हरेली इस बार भिलाई स्थित भाजपा कार्यालय में भी बड़े ही परंपरागत एवं सांस्कृतिक उत्साह के साथ मनाया गया। उत्सव में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता, महिला मोर्चा की सदस्याएं और स्थानीय नागरिक शामिल रहे।
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पद्मश्री उषा बारले की लोकगीत प्रस्तुति
- कार्यक्रम की विशेष शान थी पद्मश्री सम्मानित पंडवानी गायिका उषा बारले, जिन्होंने छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिस पर सभी ने उत्साहपूर्वक ठुमके लगाए।
- उषा जी की अद्भुत जीवनगाथा — बाल विवाह, पिता द्वारा कुएँ में फेंके जाने की दुखद कहानी, और कुशल लोककला में पद्मश्री सम्मान — छत्तीसगढ़ और देश में प्रेरणा स्रोत बनी।
लोकनृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शन
- स्थानीय कलाकारों और महिलाओं ने पारंपरिक गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किए।
- कार्यक्रम में महिलाएं हरी साड़ी में सजा‑धजा आईं और छत्तीसगढ़ी व्यंजनों जैसे चीला, फरा, ठेठरी, खुरमी का स्वाद भी आमंत्रित किया गया।
विधायक रिकेश सेन की भागीदारी
- वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन भी पूरे जोश के साथ उपस्थित हुए, उन्होंने महिलाओं के साथ नृत्य किया और गेंड़ी चढ़कर बच्चों के साथ उत्सव की रौनक साझा की।
- अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हरेली छत्तीसगढ़ी संस्कृति का प्रतीक है और आने वाले पर्वों (राखी, तीजा, पोला) को भी इसी उत्साह से मनाया जाएगा।
कृषि उपकरणों और प्रकृति पूजन
- कृषि उपकरण, बैल‑भैंस और धरती माता की पूजा-अर्चना कर अच्छी फसल की कामना की गई। यह आयोजन कृषि समृद्धि एवं प्रकृति‑संरक्षण की भावना को दर्शाता है।