BY: MOHIT JAIN
ग्वालियर में मानसून विदा होने के तीन दिन बाद भी बादलों ने शहर को तरबतर कर दिया। सोमवार दोपहर से शुरू हुई बारिश ने डेढ़ घंटे में 30.4 मिमी पानी गिराकर 14 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।
इतनी तेज बारिश के चलते शहर में एयर इंडिया एक्सप्रेस की बेंगलुरु-ग्वालियर फ्लाइट भी प्रभावित हुई। विमान करीब 35 मिनट तक ग्वालियर और मुरैना के बीच मंडराता रहा लेकिन रनवे सुरक्षित न होने के कारण अंततः उसे दिल्ली डायवर्ट करना पड़ा।
फ्लाइट यात्रियों का अनुभव: “ग्वालियर के लिए चले थे, दिल्ली पहुंचा दिया”
फ्लाइट में बैठे यात्रियों ने बताया कि दोपहर 2 बजे बेंगलुरु से उड़ान भरने के बाद ग्वालियर एयरपोर्ट पर शाम 4:10 बजे लैंडिंग होनी थी। लेकिन खराब मौसम की वजह से पायलट ने घोषणा की –
“रनवे पर उतरना सुरक्षित नहीं है, हमें डायवर्ट करना पड़ेगा।”
करीब आधे घंटे तक आसमान में भटकने के बाद फ्लाइट दिल्ली ले जाई गई। शाम 5:10 बजे दिल्ली पहुंचने पर यात्रियों को दो विकल्प दिए गए:
- बस से ग्वालियर की यात्रा
- टिकट कैंसिल कर पूरा किराया वापसी
करीब 70 यात्रियों में से कई ने ट्रेन या बस का विकल्प चुना।
बारिश ने शहर को थाम दिया – सिग्नल खराब, जाम, जलभराव

बारिश के साथ तेज गर्जना और बिजली गिरने से शहर के ट्रैफिक सिग्नल भी बिगड़ गए। राजमाता चौराहा और फूलबाग के सिग्नल पर एक साथ ग्रीन, यलो और रेड लाइट जलने लगीं, जिससे चालक भ्रमित हो गए और जगह-जगह जाम की स्थिति बन गई।
मुख्य मार्गों पर 800 मीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। वहीं, कई स्थानों पर गड्ढों में पानी भरने से बाइक सवार गिर पड़े।
शहर की सड़कें बनी तालाब
ग्वालियर का जल निकासी सिस्टम एक बार फिर नाकाम रहा। भारी बारिश के चलते पानी मोहल्लों और अपार्टमेंट तक घुस गया। जीवाजी क्लब, राजमाता चौराहा, नदीगेट, फूलबाग, नौगजा रोड और डीडी नगर जैसे क्षेत्रों में सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गईं।
- कार्मल स्कूल के पास बने गड्ढे में बाइक सवार गिर गए
- जिला न्यायालय गेट नंबर-3 पर एक फीट से ज्यादा पानी भर गया
- हरीशंकरपुरम अपार्टमेंट में पानी घुसा
- मैरिज गार्डन और बड़े गड्ढों में मोटर पंप भेजे गए
मौसम विभाग की चेतावनी: दशहरे पर भी बरसेंगे बादल
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या सुरेंद्रन के अनुसार, 1 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे अगले 48 घंटों में और अच्छी बारिश हो सकती है। इसका असर दशहरे के रावण दहन पर भी पड़ सकता है।
ग्वालियर में सितंबर के अंत की यह बारिश सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ने वाली ही नहीं रही, बल्कि इसने यात्रियों, वाहन चालकों और आम लोगों की जिंदगी को घंटों तक प्रभावित किया। फ्लाइट डायवर्ट होने से लेकर सड़कों पर जलभराव तक, शहर की परेशानी मानसून विदाई के बाद भी खत्म होती नहीं दिख रही।





