Dhaka News: बांग्लादेश के चर्चित नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता उस्मान हादी की हत्या को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने सीधे तौर पर यूनुस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार के भीतर मौजूद कुछ ताकतों ने साजिश के तहत इस हत्या को अंजाम दिलवाया।
उमर हादी ने यह आरोप शाहबाग में आयोजित इंकलाब मंच के ‘शहीदी शपथ’ कार्यक्रम के दौरान लगाए। उन्होंने कहा कि उनके भाई की हत्या का मकसद आने वाले राष्ट्रीय चुनावों को रोकना और देश में अस्थिरता पैदा करना है।

Dhaka News: चुनाव नहीं चाहते थे कुछ ताकतें
उमर हादी का कहना है कि उस्मान हादी फरवरी में तय चुनावों के पक्षधर थे और लगातार शांतिपूर्ण चुनावी माहौल की अपील कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अब इस हत्या को बहाना बनाकर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करना चाहती है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “आप लोगों ने ही मेरे भाई को मरवाया है और अब उसी मुद्दे का इस्तेमाल कर चुनाव रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

Dhaka News: दोषियों पर जल्द कार्रवाई की मांग
उमर ने सरकार से मांग की कि हत्यारों की पहचान कर जल्द से जल्द उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाए, ताकि चुनावी माहौल खराब न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उस्मान हादी को न्याय नहीं मिला तो सरकार को भी इसका जवाब देना पड़ेगा। उनका दावा है कि हादी किसी विदेशी दबाव या एजेंसी के सामने झुकने को तैयार नहीं थे, इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया।
Dhaka News: इंकलाब मंच ने दिया 30 दिन का अल्टीमेटम
कार्यक्रम में इंकलाब मंच के सचिव अब्दुल्लाह अल जाबेर ने सरकार को 30 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि तय समय सीमा में हत्यारों की पहचान और गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। जाबेर ने आरोप लगाया कि यह हत्या किसी एक व्यक्ति का काम नहीं बल्कि एक संगठित सिंडिकेट की साजिश है। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को शक से ऊपर नहीं रखा जा सकता।
Dhaka News: 12 दिसंबर को हुआ था हमला
उस्मान हादी पर 12 दिसंबर को ढाका में बाइक सवार हमलावरों ने गोली चलाई थी। गंभीर रूप से घायल हादी को पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल और बाद में सिंगापुर रेफर किया गया, जहां 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले से कुछ घंटे पहले हादी ने ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का एक विवादित नक्शा सोशल मीडिया पर साझा किया था।
Dhaka News: निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ने वाले थे चुनाव
उस्मान हादी आगामी आम चुनाव में ढाका से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने वाले थे। वह छात्र आंदोलन के बाद उभरे संगठन इंकलाब मंच के प्रमुख चेहरों में से एक थे। संगठन अवामी लीग के खिलाफ मुखर रहा है और राष्ट्रीय संप्रभुता की बात करता रहा है। हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश की राजनीति में उबाल आ गया है और आने वाले चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।
संपादकीय नजरिया: बांग्लादेश में चुनाव से पहले बढ़ती राजनीतिक हिंसा लोकतंत्र के लिए गंभीर चेतावनी है। उस्मान हादी की हत्या ने यह आशंका मजबूत की है कि कुछ ताकतें अस्थिरता फैलाकर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहती हैं। यदि समय पर निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए, तो जनता का भरोसा कमजोर पड़ेगा। भारत के लिए यह स्थिति इसलिए अहम है क्योंकि बांग्लादेश की अस्थिरता का असर सीमा सुरक्षा, अल्पसंख्यकों की स्थिति और द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ सकता है। ऐसे समय में बांग्लादेश को कानून-व्यवस्था मजबूत कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा करनी होगी, वहीं भारत को संतुलित कूटनीति के साथ क्षेत्रीय स्थिरता के पक्ष में खड़ा रहना चाहिए।

