राजधानी दिल्ली के नेहरू विहार इलाके में एक 9 वर्षीय बच्ची की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। बच्ची का शव एक सूटकेस में मिला, और शुरुआती मेडिकल रिपोर्ट में उसके साथ दुष्कर्म की आशंका जताई गई है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच तेज कर दी है।
घटना की पूरी जानकारी
बर्फ लेने निकली थी बच्ची, लौटी नहीं घर
- मृतक बच्ची की उम्र करीब 9.5 साल थी और वह कक्षा 5 की छात्रा थी।
- परिजनों के अनुसार वह शाम 7 बजे के आसपास बर्फ लेने घर से निकली थी लेकिन एक घंटे तक वापस नहीं आई।
- खोजबीन के दौरान मोहल्ले वालों ने बताया कि उसे पास के एक फ्लैट में जाते हुए देखा गया था।
- जब परिजन उस फ्लैट पर पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था।
- ताला तोड़ने पर एक सूटकेस से बच्ची की लाश बरामद हुई, उसके चेहरे पर चोट के स्पष्ट निशान थे।
तीन घर की दूरी पर मिला शव
- बच्ची का शव उसके घर से महज तीन मकानों की दूरी पर मिला।
- पुलिस ने रात 8:41 बजे कॉल मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू की।
- बच्ची को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मामले में पुलिस की कार्रवाई
- पुलिस ने IPC की धाराएं 103(1), 66, 13(2) और POCSO Act के तहत मामला दर्ज किया है।
- क्राइम ब्रांच और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए।
- दिल्ली पुलिस अब गाजियाबाद, अमरोहा, मेरठ और अलीगढ़ में भी छापेमारी कर रही है ताकि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जा सके।
दिल्ली में महिला अपराध के हालिया आंकड़े
दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2025 के पहले तीन महीनों के अपराध आंकड़े जारी किए हैं, जिनसे कुछ राहत जरूर मिली है लेकिन घटनाएं अब भी चिंता बढ़ा रही हैं।
महिला अपराध में मामूली गिरावट:
- बलात्कार के मामलों में 19% की कमी
- छेड़छाड़ और ईव टीजिंग में 15% की गिरावट
हत्या के आंकड़े:
- 2023: 115 हत्याएं
- 2024: 105 हत्याएं
- 2025 (अब तक): 107 हत्याएं
तकनीक से अपराध पर लगाम:
- CCTV कैमरे, क्राइम मैपिंग और डेटा एनालिटिक्स के जरिए पुलिस अपराधियों पर नजर रख रही है।
- हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर वहां अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
इस दिल दहला देने वाली घटना ने फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं कि बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए। पुलिस जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आरोपी गिरफ्त में होंगे। यह मामला न केवल न्याय की मांग करता है, बल्कि समाज को भी झकझोर कर सोचने पर मजबूर करता है कि हम बच्चों को किस तरह की दुनिया में बड़ा कर रहे हैं।