अमेरिका में चीन के दो नागरिक पकड़े गए, भारत को सतर्क रहने की जरूरत
by: vijay nandan
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी फैलाने के बाद अब चीन एक और गंभीर साजिश में फंसता नज़र आ रहा है। इस बार मामला जुड़ा है कृषि आतंकवाद से – यानी एक ऐसा जैविक हमला जो सीधे-सीधे हमारे खाने की थाली पर वार करता है।
अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो अमेरिका में खतरनाक फंगस “Fusarium Head Blight” (FHB) की तस्करी कर रहे थे। इसे गेहूं, मक्का और चावल जैसी प्रमुख फसलों के लिए जानलेवा माना जाता है।
कौन हैं ये आरोपी?
FBI ने जिन दो चीनी नागरिकों को हिरासत में लिया है, उनके नाम हैं:
- युनकिंग जियान (33)
- जुनयोंग लियू (34)
इन दोनों पर आरोप है कि वे न सिर्फ जैविक खतरा अमेरिका में लाने की साजिश रच रहे थे, बल्कि वीजा धोखाधड़ी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) से गहरे संबंध भी उनके खिलाफ मामले को गंभीर बना रहे हैं।
FHB फंगस: सिर्फ फसलों के लिए नहीं, इंसानों के लिए भी जानलेवा
यह कोई आम फंगस नहीं है। FHB एक ऐसा माइकोटॉक्सिन पैदा करता है जो:
- गेहूं, जौ, मक्का और चावल जैसी फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर देता है।
- इससे अनाज खाने लायक नहीं रहता – यह खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा है।
- इंसानों में उल्टी, मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- जानवरों में प्रजनन संबंधी विकार हो सकते हैं।
अनुमान है कि इस फंगस के कारण हर साल दुनिया भर में $10 अरब डॉलर की फसलें बर्बाद होती हैं।
साजिश कैसे हुई उजागर?
FBI की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:
- जियान ने इस फंगस को मिशिगन यूनिवर्सिटी की लैब में रिसर्च के बहाने रखा था।
- लियू ने इसे जुलाई 2024 में डेट्रॉइट एयरपोर्ट के जरिए अमेरिका लाने की कोशिश की।
- जांच में ये भी सामने आया कि उन्हें CCP और चीनी सरकार से आर्थिक मदद मिल रही थी।
FBI के डायरेक्टर कश पटेल और अमेरिकी अटॉर्नी जेरोम गोर्गोन जूनियर ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा” बताया है।

क्या भारत को भी सतर्क हो जाना चाहिए?
इस घटना ने भारतीय सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। कई यूज़र्स और विशेषज्ञों का मानना है कि:
“अगर चीन अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश के खिलाफ ऐसी जैविक साजिश रच सकता है, तो भारत को भी आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए।”
भारत जैसे कृषि-प्रधान देश के लिए यह चेतावनी है – एक छोटी सी जैविक चूक करोड़ों लोगों की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।
अब चुप रहने का वक्त नहीं
कोरोना के बाद चीन की यह “कृषि आतंकवाद” वाली साजिश बताती है कि आने वाले समय में युद्ध सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि बीज, फसल और फंगस के जरिए भी लड़े जाएंगे।
भारत को अब बायो-सिक्योरिटी, सीमा सुरक्षा, और कृषि निगरानी पर पहले से कहीं ज़्यादा गंभीरता से काम करना होगा।