BY: Yoganand Shrivastava
Bhopal news: भोपाल–इंदौर राज्य मार्ग पर स्थित फंदा क्षेत्र में शनिवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित हुआ, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर बनने वाले भव्य द्वार का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने फंदा गांव का नाम बदलकर हरिहर नगर करने की घोषणा भी की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सामाजिक कुरीतियों और दिखावे की संस्कृति पर खुलकर अपनी बात रखी और लोगों से अपील की कि वे मृत्यु भोज और शादियों में अनावश्यक खर्च करने से बचें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मृत्यु के बाद होने वाले भोज में जरूरत से ज्यादा पैसा खर्च करना गलत परंपरा बन गई है। इससे परिवार पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब कोई संपन्न व्यक्ति बड़ा खर्च करता है तो गरीब भी उसी की नकल करता है, जिसके लिए उसे जमीन गिरवी रखनी पड़ती है या कर्ज लेना पड़ता है। इससे आने वाली पीढ़ियों पर भी बोझ बढ़ता है। उन्होंने लोगों से अपनी जमीन और संपत्ति को सुरक्षित रखने की अपील करते हुए कहा कि यह बुजुर्गों की अमानत होती है।
मुख्यमंत्री ने शादियों में होने वाले फिजूलखर्च पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि शादियों में दिखावे की होड़ समाज के लिए नुकसानदायक है। लोगों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की शादी सादगी से करें और सामूहिक विवाह सम्मेलनों को अपनाएं। उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने स्वयं अपने बेटे की शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके बेटे और बहू दोनों डॉक्टर हैं और जिस सम्मेलन में शादी हुई, उसमें गरीब और सामान्य परिवारों के बच्चे भी शामिल थे। यह केवल कहने की बात नहीं, बल्कि करके दिखाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने मंच से यह भी कहा कि असली विकास तब होगा जब हम दिखावे पर खर्च करने के बजाय शिक्षा और जरूरतमंदों की मदद पर ध्यान देंगे। उन्होंने लोगों से संकल्प लेने को कहा कि वे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और समाज के कमजोर वर्गों पर खर्च करें। अनावश्यक खर्च से बचकर समाज को मजबूत बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम में मेट्रोपॉलिटन सिटी की योजना का भी जिक्र किया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन और नर्मदापुरम को मिलाकर एक बड़ा महानगरीय क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। इसी तरह इंदौर के आसपास धार, उज्जैन, देवास और शाजापुर को मिलाकर एक और महानगर बनाने की योजना पर काम चल रहा है। इससे क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी।
राजनीतिक मुद्दों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा माताओं-बहनों को दी जा रही आर्थिक सहायता को लेकर राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर महीने महिलाओं को आर्थिक सहायता देकर सामाजिक सुरक्षा का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोग इसका भी विरोध करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि माताएं-बहनें पवित्र होती हैं और उन पर संदेह करना हमारी संस्कृति के खिलाफ है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे चुनाव के समय सही निर्णय लें।
कार्यक्रम के दौरान सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज, भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के योगदान और इतिहास पर भी चर्चा की गई। सम्राट विक्रमादित्य के सम्मान में मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों से मोबाइल की टॉर्च जलवाकर सम्मान प्रकट कराया। इस मौके पर विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री को गदा भेंट की गई।
इस कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप, हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा, दक्षिण-पश्चिम विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुधार, सादगी और जिम्मेदार खर्च का मजबूत संदेश दिया।





