Isa Ahmad
73.70 करोड़ का फर्जी ITC उजागर
गाज़ियाबाद। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) गाज़ियाबाद के अधिकारियों ने एक विशाल फर्जी इनवॉइस रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें 410 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी इनवॉइस जारी किए गए थे। इस संगठित कर-चोरी नेटवर्क के जरिए 73.70 करोड़ रुपये का अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लिया गया। यह नेटवर्क 40 से अधिक फर्जी फर्मों के माध्यम से संचालित हो रहा था।
अधिवक्ता द्वारा संचालित फर्जीवाड़ा
इस पूरे रैकेट का संचालन विनय सिंह, जो पेशे से एक अधिवक्ता है, द्वारा किया जा रहा था। जांच में सामने आया कि आरोपी ने विभिन्न व्यक्तियों के KYC दस्तावेज़ों का दुरुपयोग करते हुए खुद को उनका अधिकृत प्रतिनिधि (Authorised Representative) दिखाकर फर्जी कंपनियों को रजिस्टर कराया।
वह इन सभी फर्जी फर्मों के-
- GST पोर्टल
- ई-वे बिल पोर्टल
- TDS पोर्टल
- तथा संबंधित ईमेल खातों
– के यूज़रनेम, पासवर्ड और OTP को अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त करता था, जिससे पूरा रैकेट अकेले ही संचालित करता था।
कोई वास्तविक आपूर्ति नहीं-सिर्फ कागज़ों पर कारोबार
CGST गाज़ियाबाद के एंटी-इवैज़न प्रकोष्ठ की कार्रवाई में यह सामने आया कि आरोपी ने केवल फर्जी GST इनवॉइस जारी करने के उद्देश्य से इन कंपनियों को बनाया था। न तो किसी वस्तु की वास्तविक आपूर्ति हुई और न ही किसी सेवा का लेन-देन—सारा कारोबार सिर्फ काग़ज़ों पर था, जिसका उद्देश्य सरकारी राजस्व को नुकसान पहुँचाना था।
सुनियोजित कर चोरी की बड़ी कोशिश
इन फर्जी फर्मों के माध्यम से किए गए-
- 410 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन
- 73.70 करोड़ रुपये के फर्जी ITC का उपयोग
सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व हानि पहुंचाने की कोशिश थी।
आरोपी गिरफ्तार, कानूनी कार्रवाई शुरू
CGST अधिकारियों ने आरोपी विनय सिंह को CGST Act, 2017 की धारा 69 के तहत गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ धारा 132 के तहत गंभीर दंडनीय अपराधों के आरोप लगाए गए हैं।
इस कार्रवाई को प्रदेश में सबसे बड़े कर-चोरी रैकेटों में से एक माना जा रहा है।





