BY: Yoganand shrivastva
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को गुरुवार को एक ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी दी गई, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। ई-मेल में यह दावा किया गया था कि कोर्ट परिसर में एक IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) छुपाई गई है। जैसे ही सूचना मिली, चंडीगढ़ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पूरे परिसर की गहन तलाशी शुरू कर दी।
एसडीपीओ (सेंट्रल) उदयपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस को एक संदिग्ध ई-मेल मिला था, जिसमें विस्फोटक होने की चेतावनी दी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा बलों ने कोर्ट के कई हिस्सों को खाली करवा दिया, और आम नागरिकों की एंट्री अस्थायी रूप से रोक दी गई।
अब तक की तलाशी में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, लेकिन पुलिस ने एहतियात के तौर पर इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है और हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है। साथ ही, अधिकारियों ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
एक दिन पहले भी मिली थीं धमकियां
इस घटना से ठीक एक दिन पहले हरियाणा के अंबाला में डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इसी तरह गुरुग्राम और फतेहाबाद के सरकारी दफ्तरों को भी धमकियां मिली थीं, जो बाद में फर्जी निकलीं। पिछले कुछ समय में पूरे देश में कई स्कूलों, अस्पतालों और सरकारी संस्थानों को ऐसी ई-मेल के माध्यम से धमकियां दी जा रही हैं, जिनमें से अधिकांश निराधार साबित हुई हैं।
मई 2025 में दिल्ली के दर्जनों स्कूलों और अस्पतालों को भी ऐसे ही ई-मेल मिले थे, जिनकी जांच में कोई खतरनाक सामग्री नहीं पाई गई। बावजूद इसके, पुलिस ने हर बार सतर्कता बरती और पूरे परिसर की तलाशी ली।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का इतिहास
चंडीगढ़ के सेक्टर-1 में स्थित पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए शीर्ष न्यायिक संस्था है। इसकी स्थापना 1919 में लाहौर हाईकोर्ट के रूप में हुई थी। 1966 में हरियाणा के गठन के बाद इसे वर्तमान नाम मिला।
इस भवन की वास्तुकला प्रसिद्ध फ्रांसीसी आर्किटेक्ट ली कॉर्बूसियर द्वारा डिजाइन की गई थी और यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित न्यायिक परिसरों में से एक माना जाता है। हाईकोर्ट की कार्यवाही की निगरानी भारतीय सुप्रीम कोर्ट करता है और यहां महत्वपूर्ण संवैधानिक और नागरिक मामलों की सुनवाई होती है।