रिपोर्टर: देवेंद्र श्रीवास
आपातकाल को बताया लोकतंत्र पर हमला, भाजपा ने घोषित किया ‘संविधान हत्या दिवस’
भारतीय जनता पार्टी ने 25 जून को देश पर थोपे गए आपातकाल के विरोध में जांजगीर-चांपा जिले में एक विशेष प्रेसवार्ता का आयोजन किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री और जिले के प्रभारी ओपी चौधरी के साथ सांसद कमलेश जांगड़े प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
प्रेसवार्ता में उठी लोकतंत्र की रक्षा की बात
प्रेसवार्ता के दौरान ओपी चौधरी ने वर्ष 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि इस दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचल दिया गया, विपक्षी नेताओं को जेलों में ठूंस दिया गया, और संविधान को दरकिनार कर देश में डर और दमन का माहौल पैदा किया गया।
‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा
प्रेसवार्ता में भाजपा नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि 25 जून को पार्टी पूरे प्रदेश सहित जांजगीर-चांपा में भी ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाएगी। इस अवसर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों, सभाओं और प्रदर्शन के जरिए जनता को आपातकाल की सच्चाई से अवगत कराया जाएगा।
ओपी चौधरी ने कहा:
“भाजपा इस दिन को काले दिवस के रूप में मना रही है ताकि देश की जनता को लोकतंत्र की ताकत और आपातकाल के खतरों की जानकारी दी जा सके।”
सांसद जांगड़े का बयान
सांसद कमलेश जांगड़े ने भी आपातकाल की कठोर आलोचना करते हुए कहा कि:
“आपातकाल न सिर्फ लोकतंत्र का हनन था, बल्कि आम लोगों की आवाज़ को दबाने का क्रूर प्रयास था। आज की युवा पीढ़ी को यह जानना जरूरी है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए क्या कीमत चुकानी पड़ी।”