रिपोर्टर: प्रशांत जोशी
भाजपा कार्यालय कमल सदन में आपातकाल की बरसी पर हुई प्रेसवार्ता, रामु रोहरा ने कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना
25 जून 1975 को देश पर थोपे गए आपातकाल की बरसी पर कांकेर स्थित भाजपा कार्यालय कमल सदन में मंगलवार को एक विशेष प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाजपा नेता रामु रोहरा ने कांग्रेस पार्टी और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय था, जिसे देश कभी भूल नहीं सकता।
“आपातकाल सत्ता बचाने की हताशा में लगाया गया”
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए रामु रोहरा ने कहा:
“25 जून 1975 की आधी रात को इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटते हुए देश पर आपातकाल थोप दिया। यह निर्णय न किसी युद्ध की स्थिति में था, न किसी बाहरी संकट में, बल्कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उनके चुनाव को अमान्य ठहराए जाने के बाद सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया कदम था।”
मौलिक अधिकारों और प्रेस की आज़ादी का हुआ दमन
उन्होंने बताया कि आपातकाल के दौरान:
- नागरिकों के मौलिक अधिकारों को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया
- प्रेस पर कड़ा सेंसरशिप लागू किया गया
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर किया गया
- विपक्षी नेताओं को बिना कारण गिरफ्तार कर जेलों में ठूंस दिया गया
- नसबंदी जैसे क्रूर अभियान चलाए गए जिनमें आम जनता को प्रताड़ना का शिकार बनना पड़ा
48 अध्यादेश और मीसा अधिनियम का किया गया दुरुपयोग
रामु रोहरा ने बताया कि इंदिरा सरकार ने आपातकाल के दौरान 48 अध्यादेश जारी किए। इनमें मीसा (Maintenance of Internal Security Act) जैसे कानून को और अधिक शक्तिशाली बना दिया गया, जिसके जरिए किसी को भी बिना वारंट के गिरफ्तार कर अनिश्चितकाल तक हिरासत में रखा जा सकता था।
“कांग्रेस की मानसिकता अब भी वैसी ही है”
भाजपा नेता ने कहा कि:
“आज 50 साल बाद भी कांग्रेस की तानाशाही सोच बदली नहीं है। बस तरीके बदल गए हैं, लेकिन नीयत वही है। जब भी कांग्रेस की सत्ता खतरे में होती है, वे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रखने से नहीं चूकते।”
जनजागरण के लिए लगाई जाएगी प्रदर्शनी
प्रेसवार्ता में यह भी बताया गया कि आपातकाल की विभिषिका को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रदर्शनी लगाई जाएगी और लोकतंत्र सेनानी आपातकाल के अनुभव साझा करेंगे ताकि नई पीढ़ी को उस काले समय की सच्चाई से अवगत कराया जा सके।